हमास के इजरायल में हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तुरंत इजरायल के समर्थन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि, इस मुसीबत के वक्त में पूरा भारत उसके साथ खड़ा है। हालांकि, पीएम के इस ट्वीट पर विवाद भी हुआ। लेकिन गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत की पीएम मोदी ने संवेदना भी जताई और तुरंत फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात कर मौजूदा हालत पर चर्चा की।
फिलिस्तीन और भारत की दोस्ती काफी पुरानी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ कहा कि वह संप्रभु एवं स्वतंत्र फिलिस्तीन के लिए अपने समर्थन में विश्वास करते हैं। यानी इस युद्ध के बीच भारत ने अपनी विदेश नीति का स्टैंड साफ कर दिया।
भारत ने हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग के बीच मानवीय संबंधों और कानूनों का हवाला देते हुए अपने पुराने दोस्त फिलिस्तीन को मदद भी भेज दी है। यही नहीं, भारत स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीन के समर्थन का भी ऐलान किया। पीएम मोदी ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति अब्बास से बातचीत के दौरान कहा कि भारत फिलिस्तीन को मानवीय सहायता देना लगातार जारी रखेगा।
भारत यूएन रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी के जरिए भी फिलिस्तीन की मदद कर रहा था। लेकिन भारत ने फिलिस्तीन को निजी हैसियत से मेडिकल और आपदा मदद भेजी है। ये यूएन के जरिए की जा रही मदद के अलावा थी।
अधिकारियों ने बताया कि, UNRWA (UN Relief and Works Agency for Palestine Refugees in Near East) को भारत ने अपनी वार्षिक मदद बढ़ाकर 1.2 लाख डॉलर से बढ़ाकर 2018 में इसे 5 लाख डॉलर सलाना कर दिया था। 2002 से भारत ने UNRWA अबतक कुल 36.5 लाख डॉलर की मदद दी है।