बलिया में थाने के पास ही मारे गए पत्रकार रतन सिंह की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल जिला अस्पताल पहुंचे तो पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया। मुख्यमंत्री की ओर से दस लाख की सहायता राशि को नाकाफी बताते हुए 50 लाख देने और पत्नी को नौकरी की मांग की। राज्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि रतन सिंह की हत्या से हम सभी दुखी हैं।
मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने मांग को जायज बताते हुए भरोसा दिया कि इस सम्बंध में मुख्यमंत्री से बात कर हरसम्भव मदद दिलाएंगे। जिस समय मंत्री आनंद शुक्ल पत्रकारों से बात कर रहे थे, उसी वक्त रतन सिंह के दो परिजन रोते हुए स्थानीय पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाने लगे। उन्होंने पैसा लेकर आरोपितों को संरक्षण देने का आरोप पुलिस पर लगाया। मन्त्री ने जांच कराने का भरोसा दिया। राज्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि रतन सिंह की हत्या से हम सभी दुखी हैं। मुख्यमंत्री ने दस लाख रूपए की सहायता की घोषणा की है। रतन सिंह के परिवार के लिए अन्य व्यवस्था भी की जाएगी। भरोसा दिया कि प्रदेश सरकार रतन सिंह के परिवार के साथ खड़ी है। पीड़ित परिवार में एक नौकरी न्यायोचित मांग है। इसके लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे।
पूरा मामला टीवी चैनल के पत्रकार रतन सिंह सोमवार को पूरे दिन जिला मुख्यालय बलिया में रहने के बाद शाम को गांव चले गए। यहां गांव में ही किसी के यहां बैठने के बाद पैदल घर जा रहे थे, तभी रस्ते में ही कुछ लोगों ने उन पर फायरिंग कर दी। ग्रामीणों के अनुसार, जान बचाने के लिए रतन ग्राम प्रधान में घर में घुस गए लेकिन हमलावरों ने पीछा नहीं छोड़ा और एक-एक कर तीन गोलियां दाग दीं। इससे रतन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।