सुबह घर का दरवाजा पीटकर मेरे पति का नाम लेकर कुछ लोग शोर मचा रहे थे। हम दोनों ही उठे और घर का दरवाजा खोलने निकले। मैंने घर का ग्रिल खोला और मेरे पति विमल मेन गेट खोलने निकल गए। इसके बाद गोली चलने की आवाज आई। फिर मेरे पति की आवाज आई कि पूजा रे… पूजा रे… हमको गोली मार दिया। जब मैं वहां पहुंची तो देखा कि वो गिरे पड़े हैं और सीने से खून निकल रहा है। ये कहना है मृतक पत्रकार की पत्नी पूजा देवी का। मामला बिहार के अररिया जिले के रानीगंज का है।
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जहां पर दिन दहाड़े एक पत्रकार की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। विमल कुमार यादव नाम का पत्रकार रानीगंज के एक दैनिक अखबार में काम करते थे। बदमाशें ने सुबह सुबह उनके घर का दरवाजा खटखटाया और आवाज देकर बुलाया। जैसे ही विमल दरवाजा खोलते हैं वैसे ही कुछ बदमाश ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर देते है। जिससे मौके पर ही पत्रकार विमल कुमार यादव की मौत हो जाती है।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे दो साल पहले इसी तरह से इनके सरपंच भाई को भी बदमाशों ने हत्या कर दी थी। उनके मर्डर केस में विमल कुमार यादव ही मुख्य गवाह थे। अब अशंका जताई जा रही है कि कहीं मुख्य गवाह होने की वजह से बदमाशों ने पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी।
विमल कुमार यादव अपराधियों की धमकी से नहीं डरे, उन्होंने अपने भाई के हत्यारे के खिलाफ गवाही थी। उसकी पत्नी पूजा देवी ने बताया कि, दो साल पहले उनके देवर गब्बू यादव की भी बदमाशों ने इसी तरह हत्या कर दी थी। इसी मामले में उनके पति विमल कुमार यादव मुख्य गवाह थे। केस ट्रायल पर कोर्ट में चल रहा था। इसके लिए अपराधी लगातार उन पर गवाही न देने का दबाव बना रहे थे।
बता दें कि हत्या के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विमल कुमार यादव के परिवार में एक बेटा, बेटी और पत्नी है। इस घटना के बाद विमल कुमार यादव की के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
घटना के बाद जिले के पत्रकार पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और तीखा आक्रोश जताया। जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, सचिव अमित कुमार अमन, राकेश कुमार, मिंटू सिंह, फुलेंद्र मल्लिक, आमोद शर्मा, रवि भगत सहित दर्जनों की संख्या में पहुंचे पत्रकारों ने पुलिस अधिकारियों से बातचीत की। पत्रकार संघ ने असुरक्षा को लेकर आंदोलन करने की भी बात कही।