मिलावटी दूध बेचने के एक 23 साल पुराने मामले में कोर्ट ने अब अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मिलवाटी दूध बेचने के आरोपी ग्वाले को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं, शाहजहांपुर में भी कोर्ट ने 25 साल पुराने एक मामले दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
महाराजगंज जिले के सहायक शासकीय अधिवकता सर्वेश्वर मणि त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि ये मामला 17 मई 1999 का है। तत्कालीन खाद्य निरीक्षक एमएल गुप्ता ने ऑफिसर गेट कॉलीन के पास से तीन ग्वालों से दूध का नमूना लिया था। दूध में मिलावट पाए जाने पर इस मामले में चौक थाना क्षेत्र के खजुरिया निवासी रामसजन के विरूद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था।
रामसजन के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोप पत्र न्यायालय पहुंचा। जहां 23 वर्षों से मामला विचाराधीन चल रहा था। शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील द्वारा साक्ष्यों के साथ चार गवाहों की गवाही कराई गई। गवाही के बाद अपर सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह की कोर्ट ने आरोपी रामसजन को आजीवन कारावास की सजा के साथ 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
25 साल पुराने मामले में शाहजहांपुर कोर्ट ने भी सुनाया फैसला वहीं, शाहजहांपुर कोर्ट ने भी 25 साल पुराने जहरीला आटा से बनी रोटी खाने से 14 लोगों की मौत के मामले में फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायालय द्वितीय के न्यायाधीश अखिलेश पाठक ने 2 लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा के साथ 60-60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बताया जा रहा है कि चक्की में जहरीले गेहूं के पीसने के बाद बने आटे की रोटियां खाने से मजदूर, उनके बच्चे और महिलाओं की मौत हुई थी।