उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में बीते बुधवार को सड़क हादसे में एक छात्र की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक छात्र के परिजनों ने बेटे की मौत के लिए स्कूल प्रिंसिपल जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें तुरंत गिरफ्तार किए जाने की मांग की। गिरफ्तारी नहीं हुई तो अगले दिन परिजनों ने गाजियाबाद-मेरठ राजमार्ग पर जाम लगा दिया। इस दौरान उन्हें समझाने और मामला शांत कराने के लिए एसडीएम शुभांगी शुक्ला पहुंची। हालांकि, एसडीएम समझाती कम और धमकाती हुई ज्यादा दिखीं।
SDM की पीड़ित परिजनों से हुई नोंकझोंक
शुभांगी शुक्ला मोदीनगर तहसील क्षेत्र की एसडीएम हैं। बताया जा रहा है कि पीड़ित परिजनों और एसडीएम शुभांगी शुक्ला के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। धरने पर बैठीं मृतक छात्र अनुराग की मां नेहा भारद्वाज एसडीएम शुभांगी शुक्ला से कहती हैं, ‘तरीका आपने बिगाड़ा है मैम। आपसे हाथ जोड़कर कह रहे हैं कि तीनों को अरेस्ट करो।’ इस पर गुस्से में एसडीएम कहती हैं ‘कोई चीज समझती नहीं हो।’ जवाब में नेहा कहती हैं, ‘क्या समझें, आप ही समझाओ मैम, समझाओ।’
SDM ने गुस्से में कहा – चुप रहिए बस, बहुत हो गया
धरने पर बैठीं नेहा भारद्वाज कहती हैं कि उनके बेटे की मौत लापरवाही की वजह से हुई है। इसके लिए स्कूल के प्रिंसिपल, ड्राइवर और कंडक्टर को अरेस्ट किया जाना चाहिए। यह सुनकर एसडीएम शुभांगी शुक्ला नाराज हो जाती हैं। वह गुस्से में तेज आवाज में कहती हैं, ‘चुप रहिए बस। बहुत हो गया। इतनी देर से समझा रही हूं।’ एसडीएम शुभांगी शुक्ला ने यह बात तीन बार दोहराई। हालांकि, बाद में जब एसडीएम से इस बारे में पूछा गया कि वह खुद इतनी आक्रोशित क्यों थीं, तो उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।
स्कूल बस की खिड़की से निकाला सिर, गेट से टकराकर हुई थी छात्र की मौत
बता दें, गाजियाबाद जिले में मोदीनगर तहसील की सूरत सिटी कॉलोनी में नितिन भारद्वाज का परिवार रहता था। उनका 10 साल का बेटा अनुराग दयावती मोदी पब्लिक स्कूल में पढ़ता था। बुधवार को वह स्कूल बस से घर आ रहा था, रास्ते में उसे उल्टी महसूस हुई तो उसने खिड़की से सिर बाहर निकाल लिया। इस दौरान ड्राइवर बस चलाता रहा। तभी कॉलोनी के एक गेट से अनुराग का सिर टकरा गया और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में ड्राइवर और कंडक्टर को तो गिरफ्तार लिया, लेकिन परिजनों की मांग थी कि प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार किया जाए।