कादर खान अपने समय के ऐसे एक्टर रहे हैं जिन्होंने अपनी डायलॉग डिलीवरी और शानदार एक्सप्रेशन्स के दम पर लोगों के दिल में गहरी छाप छोड़ी. आज भी उनका नाम इंडस्ट्री में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. साथ में ये भी कहा जाता है कि एक्टर का इंडस्ट्री में जो योगदान रहा और उनका जैसा ओहदा रहा उस हिसाब से उन्हें सम्मानित नहीं किया गया. लेकिन कादर खान ने सिर्फ अपनी एक्टिंग ही नहीं बल्कि व्यवहार से भी लोगों को खासा इंप्रेस किया और अपना दीवाना बना दिया. आज कादर खान की 86वीं बर्थ एनिवर्सरी है. इस मौके पर जानते हैं एक्टर के बारे में कुछ खास बातें.
कादर खान का जन्म अफगानिस्तान के काबुल में 22 अक्टूबर, 1937 में हुआ था. एक्टर एक गरीब परिवार में जन्में थे और वे मुंबई के नजदीक स्थित कमाठीपुरा में पले-बढ़े. एक्टर ने अपने जीवन के शुरुआती दिनों में खूब संघर्ष देखा. लेकिन उनकी मां ने हमेशा उन्हें पढ़ने की और आगे बढ़ने की सलाह दी. अपनी मां की गायडेंस पाकर एक्टर ने खूब पढ़ाई की और वे प्रोफेसर बन गए. उन्होंने 5 सालों तक पढ़ाया.
वे प्लेज किया करते थे और एक्टिंग का शौक रखते थे. वे एक दौरान ताश के पत्ते नाम का एक प्ले कर रहे थे और इस दौरान उन्हें उस समय के नामी कॉमेडियन आगाह ने रिकगनाइज किया. आगाह ने उनका नाम दिलीप कुमार को सजेस्ट किया और उन्हें प्ले देखने को कहा. जब दिलीप कुमार ने प्ले देखा तो उन्हें कादर खान भा गए और उन्होंने कादर खान को एक नहीं बल्कि दो फिल्मों में काम करने का ऑफर दे दिया. दिलीप कुमार ने उन्हें साल 1974 में फिल्म सगीना और 1976 की फिल्म बैराग के लिए ले लिया. हालांकि इससे पहले वे साल 1973 में राजेश खन्ना की फिल्म दाग में रोल प्ले कर चुके थे.
300 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग
फिल्मों में ठीक तरह से एक्टर को लाने का श्रेय ट्रेजिडी किंग दिलीप कुमार को ही जाता है. लेकिन एक्टर ने अपने दम पर खुद की एक अलग पहचान बनाई और इसमें कोई दोराय नहीं है कि एक्टर ने दिलीप कुमार के कद का सम्मान इंडस्ट्री में हासिल किया. इसके अलावा वे कई सारे एक्टर्स की इंस्पिरेशन भी बने. एक्टर ने अपने करियर के दौरान 300 से ज्यादा फिल्मों में एक्टिंग की और 200 से ज्यादा फिल्मों के लिए लेखन भी किया. 31 दिसंबर, 2018 को कनाडा में एक्टर का निधन हो गया. 2019 में उन्हें मरणोपरांत पद्मश्री दिया गया.