1 नवंबर को करवा चौथ मनाया जा रहा है, हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती है। ये उपवास सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। करवा चौथ के व्रत से वैवाहिक जीवन में भी सुख बना रहता है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है।
करवा चौथ से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं, इस दिन काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। इससे साथी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस उपवास में पूजा की थाली का विशेष महत्व होता है। आमतौर पर कुछ सुहागिन महिलाएं थाली में पूजा का पूरा सामान नहीं रखती हैं। जिसकी वजह से उनकी पूजा पूरी नहीं हो पाती है। आइए जानते हैं कि, करवा चौथ की थाली में किन सामग्रियों का होना आवश्यक है।
— करवा चौथ पर पूजा की थाली में आटे से बना दीपक जरूर होना चाहिए। साथ ही उसमें रुई की बत्ती को भी रखें। ऐसी मान्यता है कि, पूजा में आटे के दीपक जलाने से हर मनोकामना पूरी होती है।
— आपकी थाली में मिट्टी का करवा होना चाहिए। इसके अलावा एक जल का कलश होना बहुत जरूरी है जिससे आप चंद्रमा को अर्घ्य देंगी।
— करवा चौथ की थाली में पानी का गिलास जरूर रखें। क्योंकि जिस लोटे से आप चंद्रमा को अर्घ्य दे, उस लोटे से पानी ना पीए। इसलिए पानी का गिलास अलग से रखें।
— करवा चौथ की थाली बिना छलनी के अधूरी मानी जाती है। आपकी थाली में छलनी जरूर होनी चाहिए क्योंकि, इससे आप चांद के दर्शन करेंगी।
— पूजा की थाली में लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। फिर फूल, चावल, मिठाई, रोली इन सभी चीजों को जरूर रखें। इस दौरान स्वच्छ हाथों से ही सारी सामग्रियों को छुएं।