1 नवंबर को देशभर में करवा चौथ का त्योहार मनाया जाने वाला है। ये व्रत पत्नी अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती है। ऐसा कहा जाता हे कि सुहागिन महिलाएं पति के लिए जब व्रत रखती है तो वो उनके स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए रखेती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार करवा चौथ पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में व्रती महिलाओं को कई गुना लाभ मिलेगा। साथ ही, जिन सुहागिनों के लिए यह पहला करवा चौथ होगा, उनको यह पता होना चाहिए कि चंद्रमा को अर्घ्य कैसे देते हैं और करवा चौथ की पूजा कैसे करते हैं।
बताया जा रहा है कि, इस बार करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की 31 अक्टूबर 2023 को रात 9.30 मिनट पर शुरू होगी। चतुर्थी तिथि की समाप्ति 1 नवंबर 2023 को रात 9.19 मिनट पर होगी। करवा चौथ व्रत उदया तिथि से मान्य होता है, इसलिए इस साल करवा चौथ 1 नवंबर 2023, बुधवार को रखा जाएगा। व्रत में जितना महत्व करवा माता की पूजा का है, उतना ही चंद्रमा को अर्घ्य देकर पारण करने का भी है। इस व्रत में रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं। करवा चौथ पर व्रती महिलाएं शाम को चौथ माता, करवा माता और गणपति की पूजा जरूर करें।
करवा चौथ शुभ मुहूर्त
करवा चौथ व्रत समय: सुबह 6:36 से रात 8:26 तक
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 5.44 से रात 7.02 (1 नवंबर 2023) तक
चांद निकलने का समय: रात 8:26 (1 नवंबर 2023)
इसके बाद छलनी से पहले चांद को और फिर पतिदेव का दर्शन करें। फिर दूसरे करवे से पहले पति को पानी पिलाएं और फिर पति के हाथ से उसी करवे से जल पीएं। इसके बाद व्रत का पारण करें, पारण में सात्विक भोजन ग्रहण करें तो अच्छा रहेगा। इसके बाद व्रत की कथा सुनें या पढ़ें।
सबसे पहले आपको चांदी/तांबे के पात्र में थोड़ा स्वच्छ जल व थोड़ा सा दूध मिलाकर चंद्रमा को दोनों हाथों को उठाकर अर्घ्य देना चाहिए। यह क्रिया चंद्रोदय के समय करनी होती है। ऐसा करने से आपके मन में जितने प्रकार की नकारात्मक विचार हैं, उसका निवारण हो जाएगा, पति का स्वस्थ मजबूत होगा।