रिपोर्ट: कदीम खान
योगी सरकार भले ही महिला अपराधों को कारित करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई कर रही हो मगर बावजूद इसके यूपी में महिलाओं के प्रति अपराध कम होते नजर नहीं आ रहे। ताजा मामला दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का है जहां एक गैंगरेप पीड़िता को सिर्फ इसलिए आत्महत्या करनी पड़ी, क्योंकि उसे इंसाफ नहीं मिला। हालांकि बुलंदशहर एसएसपी ने इस मामले में लापरवाही बरतने पर विवेचक को सस्पेंड कर दिया है।
दरअसल यूपी में अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं, और हैवान लगातार बहन बेटियों को अपना शिकार बना रहे हैं। बुलंदशहर में भी महिला अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहा है, ताजा मामला अनूपशहर इलाके का है जहां बीएएलएलबी की एक छात्रा ने सिर्फ इसलिए फांसी के फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली, क्योंकि गांव के ही एक युवक ने पड़ोसी गांव के साथी और अलीगढ़ निवासी के साथ मिलकर उसके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। घटना 16 अक्टूबर की बताई गई जब आरोपी मृतका को शादी का झांसा देकर अपने साथी के साथ रिश्तेदार के घर ले गया और वहां ले जाकर उसके साथ सामुहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया। पीड़िता ने मामला दर्ज कराया मगर मामले जांच के बाद मामले फ़र्ज़ी मानते हुए विवेचक ने मुकदमें में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी न किये जाने से आहत हुई छात्रा ने अपने घर में फंदे पर लटकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।पुलिस ने मृतक छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है।
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वहीं मामला संज्ञान में आने पर बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने मुकदमे के विवेचक को तत्काल निलंबित कर दिया है, साथ ही एसएसपी दावा करते हैं कि इससे पहले भी मृतका द्वारा एक आरोपी के ख़िलाफ़ छेड़छाड़ की एफआईआर कराई गई थी मगर सीजीएम के सामने 164 के बयान के लिए पेश करने पर पीड़िता ने बयान बदल दिया था।एसएसपी यह भी दावा करते हैं कि दोबारा पीड़िता द्वारा जो गैंगरेप की एफआईआर कराई गई थी उसमें भी आरोपियों के ख़िलाफ़ कोइ सुबूत नहीं मिले थे। हालांकि छात्रा की मौत के बाद बुलंदशहर एसएसपी ने मुकदमे की जांच करने वाले विवेचक को निलंबित करते हुए प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच शुरू करा दी है।मग़र जिस तरह छात्रा ने सुसाइड नोट में पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए हैं तो उसके बाद कई सवाल उठने लाज़मी हैं।