लखीमपुर खीरी से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां पर बुजुर्ग की मृत्यु होने पर एक बंदर शोक मनाने पंहुचा और शव के पास बैठकर रोने लगा। शोक में डूबे परिवार के बीच वह इस तरह आकर बैठा जैसे कोई घर का सदस्य हो। वह कभी जमीन पर तो कभी महिलाओं के बीच जाकर उनकी गोद में सिर रखकर रोता। बंदर के इस प्रकार की हरकत को देखकर वहां पर मौजूद लोग हैरान हो गए। दरअसल यह पूरा मामला बिजुआ क्षेत्र के गोंधिया गांव का है।
सोमवार शाम 62 साल के चन्दन वर्मा पुत्र मिट्ठू की मृत्यु हो गयी थी। चन्दन पैरालिसिस अटैक के बाद करीब 2 माह से घर पर रह रहे थे। मंगलवार सुबह जब सभी लोग शोक संवेदना प्रकट करने के लिए शव के चारों ओर इकट्ठा थे तो कहीं से एक बंदर आकर शव के पास बैठ गया और उसकी आंख से आंसू निकलने लगे। बंदर करीब 1 घण्टे यहां पर आकर रुका और रोता रहा। उसके बाद वापस चला गया।
परिवार वालों ने बताया कि करीब 4 साल पहले चन्दन जंगल किनारे अपने खेत पर जाया करते थे। वहीं पर बंदरों को खाना भी खिलाते थे। उन्हीं में से एक बंदर अक्सर उनके पास आकर बैठ जाता था। बंदर के द्वारा इस प्रकार शोक में शामिल होना लोगो में चर्चा का विषय बना हुआ है।