उत्तर प्रदेश के हरदोई में अधिवक्ताओं ने मंगलवार को नए कानून के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। जिलेभर के वकील न्यायिक कार्य से विरत रहे और कलेक्ट्रेट परिसर में इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने कलेक्ट्रेट में डीएम कार्यालय के बाहर कानून मंत्री का पुतला फूंककर आक्रोश जताया।
सुबह से ही वकील विरोध प्रदर्शन की तैयारी में जुटे थे। बड़ी संख्या में अधिवक्ता सिनेमा चौराहे पर पहुंचे और सड़क पर जाम लगा दिया। वकीलों के प्रदर्शन से यातायात बाधित हो गया, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब एक घंटे तक चौराहे पर अफरा-तफरी का माहौल रहा।
वकीलों का कहना था कि सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के खिलाफ बनाए जा रहे नए कानून पूरी तरह अनुचित हैं। उन्होंने सरकार से तुरंत इस कानून को वापस लेने की मांग की। वकीलों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
प्रदर्शन के दौरान स्टांप विक्रेताओं ने भी अपनी दुकानें बंद रखीं, जिससे दस्तावेजों की खरीद-फरोख्त प्रभावित हुई। बैनामा लेखकों ने भी रजिस्ट्री कार्यालय में काम बंद रखा, जिससे रजिस्ट्री से जुड़े सभी कार्य ठप हो गए।
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन के दौरान प्रशासन अलर्ट रहा। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। हालांकि, वकीलों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का दावा किया।
वकीलों के इस आंदोलन से न्यायिक कार्य भी पूरी तरह ठप रहा। आम जनता को केस संबंधित कार्यों में कठिनाई का सामना करना पड़ा। कई मामलों की सुनवाई टल गई।
अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार जल्द उनकी मांगों को नहीं मानती, तो वे प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे। इस दौरान जिला बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी सरकार के फैसले की निंदा की और आंदोलन को और मजबूती देने की बात कही।
इस दौरान अधिवक्ताओं में राजीव सिंह, राहुल सिंह, राम प्रताप यादव, मोहम्मद सलीम, खुशबू शेख, राम निवास, वी पी गौत, अनिल कुमार, मनीष कुमार, शारदा सिंह, मनीष अग्निहोत्री, समता शर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।