अयोध्या : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा है। लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियां की कार्यक्रम में न शामिल होने की बात – चीत चल रही हैं। कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के अलावा कई अन्य पार्टियां भी है, जो समारोह में नहीं शामिल होंगी।
दरअसल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को आरएसएस का इवेंट करार देते हुए समारोह में जाने से मना कर दिया। इसके बाद कांग्रेस पार्टी में ही विरोध बढ़ गया है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने निमंत्रण को ठुकराने को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती बताया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के इस फैसले से मेरा दिल टूट गया। इसके अलावा कांग्रेस के विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने भी नाराजगी जाहिर की है।
शिवसेना नहीं होगी शामिल
शिवसेना (यूबीटी) ने भी कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर चुकी है। शिवसेना नेता संजय राउत ने बताया कि कार्यक्रम में पार्टी का कोई नेता शामिल नहीं होगा। उन्होंने इसे भाजपा कार्यक्रम बताते हुए कार्यकर्ताओं को शामिल होने से मना किया है।
ममता की पार्टी भी शामिल होने से कर चुकी है इनकार
सीपीएम ने भी कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया है। सीपीएम नेता वृंदा करात और सीताराम येचुरी ने कार्यक्रम को एक धर्म को बढ़ावा देने वाला करार दिया है। इसके साथ ही ममता बनर्जी का भी कार्यक्रम में शामिल होना मुश्किल लग रहा है। इसको लेकर उन्होंने पार्टी के नेताओं को पहले ही संकेत दे चुकी हैं।
अखिलेश यादव पर संसय
सपा मुखिया अखिलेश यादव कार्यक्रम में शामिल होंगे कि नहीं संशय बरकरार है। विश्व हिंदू परिषद की ओर से आलोक कुमार अखिलेश को निमंत्रण देने गए थे। लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि हम जिसे नहीं जानते उससे निमंत्रण नहीं लेते। हालांकि उन्होंने बाद में कहा कहा था कि हमारे आराध्य प्रभु श्री राम आ रहे हैं और जब वो बुलाएंगे हम जाएंगे।