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UP: 49 साल बाद आया फैसला, 80 साल के बुजुर्ग को उम्रकैद, क्या है पूरा मामला?

Firojabad News: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में 49 साल पहले हुई एक महिला की हत्या का मामला सुर्खियों में है, क्योंकि इस केस में 49 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है और आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. हैरान करने वाली बात यह है कि दोषी की उम्र इस समय 80 साल है. कोर्ट ने दोषी बुजुर्ग पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. कोर्ट से सजा मिलने के बाद पुलिस ने दोषी को जेल भेज दिया. अब लोग यह जानने को इच्छुक हैं कि आखिर हत्या का यह मामला क्या है, जिसमें इतने सालों बाद फैसला आया? आइए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है.

बता दें कि नारखी गांव के रहने वाले महेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति ने हत्या की एक वारदात को अंजाम दिया था. यह वारदात 14 सितंबर 1974 को घटी थी. महिलाओं के आपसी विवाद में महेंद्र सिंह ने राम बेटी नाम की महिला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वारदात के बाद मृतक महिला की बेटी मीरा देवी द्वारा महेंद्र सिंह पर नारखी थाने में मुकदमा लिखवाया गया था. जानकारी के मुताबिक, उस समय नारखी थाना क्षेत्र आगरा जिले के अंतर्गत आता था. जब आगरा जिले की तहसील फिरोजाबाद को आगरा से अलग कर नया जिला बनाया गया तो नारखी थाना क्षेत्र फिरोजाबाद में आ गया.

फिरोजाबाद कोर्ट में चल रही थी सुनवाई

इसी वजह से महेंद्र सिंह के मुकदमे का ट्रांसफर फिरोजाबाद जिला अदालत में कर दिया गया. फिरोजाबाद कोर्ट में लंबे समय से इस केस की सुनवाई चल रही थी. वर्तमान में यह केस कोर्ट संख्या-7 में न्यायाधीश जितेंद्र गुप्ता की अदालत में था. न्यायाधीश जितेंद्र गुप्ता इस केस की सुनवाई कर रहे थे. अभियोजन पक्ष से मुकदमे की पैरवी एडीजीसी नारायण शर्मा द्वारा की जा रही थी. सुनवाई के दौरान 80 वर्षीय महेंद्र सिंह के खिलाफ कई साक्ष्य मिले. इस केस में कई गवाहों ने भी अपनी गवाही दी.

गवाहों और सबूतों के आधार पर जज जितेंद्र गुप्ता द्वारा दोषी महेंद्र सिंह को 49 वर्ष बाद इस केस में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया. अगर, अर्थदंड नहीं भरा गया तो एक साल का अलग से कारावास काटना पड़ेगा.

जमानत पर आया तो आरोपी ने पहचान ही बदल डाली

आरोपी 80 वर्षीय महेंद्र सिंह बहुत ही शातिर अपराधी था. इस केस की शुरुआत में इसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. जमानत पर बाहर आने के बाद इसने अपनी पहचान ही बदल डाली. यह अपना नाम बदलकर कहीं दूसरी जगह रहने लगा. पुलिस इसकी तलाश में काफी सालों तक दर-दर भटकती रही, लेकिन कुछ पता नहीं चला. पुलिस को इसको गिरफ्तार करने में काफी पापड़ बेलने पड़े थे. इसकी गिरफ्तारी के बाद केस की सुनवाई जोर पकड़ी और अब इसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

 

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