भारत में ‘लव जेहाद’कि शुरूआत 2009 में पहली बार केरल और उसके बाद कर्नाटक में हुई थी, जानकारी के लिए आपको बता दें कि, लव जेहाद को केरल हाईकोर्ट मान्य घोषित कर दिया था जिसके बाद इस लव जेहाद की अवधारणा 2009 में भारत में राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार केरल और उसके बाद कर्नाटक में राष्ट्रीय ध्यानाकर्षण की ओर बढ़ी और फिर यह शब्द भारत के सन्दर्भ में प्रयोग किया जाने लगा. इसी लव जेहाद का साजिश का मामला बहुत तेजी से बढ़ रहा हैं. इस समय में देश का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट कानपुर बना हुआ है. जी न्यूज़ की टीम इसी साजिश की ग्राउंड रिपोर्ट के लिए इस साजिश की शिकार हिंदू बेटियों के घर पहुंची. जिन्हें हिंदू नामों से धोखे का शिकार बनाया गया. आपको बता दें कि, कानपुर में लव जेहाद का शिकार हुए 11 लड़कियों की जिंदगी नरक बनी हुई है.
लव जेहाद के लिए फतेह खान ने टीका लगाकर बांधा कलावा-
धार्मिक साजिश की पीड़ितों की सुरक्षा के लिए उनका नाम और पहचान नहीं बताया जा रहा है. इस परिवार का आरोप है, कि कानपुर का फतेह खान उनकी बेटी को आर्यन मल्होत्रा बनकर मिला. फतेह खान ने अपनी धार्मिक पहचान छिपाने और लव जेहाद की साजिश के लिए टीका भी लगाया और कलावा भी बांधा. ऐसा करके उसने खुद के हिंदू होने का भरोसा दिलाया.
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बता दें कि, उसकी पहले से ही उसकी तीन शादियां हो चुकी थी. फिर उसने कहा कि मुझसे शादी करोगी. कई दिन तक तो हमने उससे कहा कि नहीं करेंगे. फिर उसने काजी को बुलाया. उसके कुछ आयतें पढ़ी. तब पता चला कि वह मुसलमान है. उसके बाद वहीं कैद कर लिया. एक दिन उसका पुराना फोन पड़ा हुआ मिल गया. फिर उसने अपने पापा को फोन कर दिया. जिसके बाद वो आजाद हो सके.’ सहेली रिजवाना ने ही हिंदू लड़की को फंसाया पीड़िता के मुताबिक उसे नफीस शाह की सच्चाई उसके आईकार्ड से पता चली. पीड़िता के अनुसार उसे लव जेहाद में फंसाने वाली कोई और नहीं बल्कि उसकी सहेली रिजवाना थी. रिजवाना ने ही नफीस को बबुआ बताकर उसे मिलवाया था. इसके बाद की टीम लव जेहाद की शिकार बनी एक और पीड़ित के घर पहुंची. यहां भी लव जेहाद की वही साजिश थी. कानपुर का मुख्तार लव जेहाद करने के लिए राहुल सिंह बन गया था.
लव जेहाद के लिए मुख्तार बने धरा राहुल सिंह-
पीड़ित परिवार ने बताया कि राहुल सिंह बने मुख्तार ने उनकी बेटी को हिंदू होने का विश्वास दिलाया था. वह हाथ में कलावा बांधता था और उनकी बेटी को भरोसा दिलाने के लिए मंदिर भी ले जाता था. वह उनकी बेटी को फंसाने से पहले एक और हिंदू लड़की से ऐसे ही छल करके निकाह कर चुका था. कानपुर के समाजिक संगठनों के मुताबिक यहां लव जेहाद के लिए मुस्लिम युवक नाम भी बदलते हैं और धोखा देने के लिए हिंदू रीति-रिवाज़ों का इस्तेमाल भी करते हैं.
कानपुर में 14 पीड़ित परिवारों ने की शिकायत-
कानपुर में पुलिस को पीड़ित परिवारों की ओर से लव जेहाद की 14 शिकायतें मिली थी. इनमें से गोविंदगंज में 2, फजलजंज में 1, बाबूपुरवा में 1, कल्याणपुर में 1,पनकी में 1, चकेरी में 1, किदवई नगर में 2 और और नौबस्ता से 5 शिकायतें थीं. लेकिन इन 14 मामलों में 11 केस ऐसे मिले, जिनमें साजिश करके लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया गया. इन 11 मामलों में शामिल 13 लड़कियों में 3 बालिग थी जिन्होंने अपनी मर्जी से शादी की थी, बाकी 8 लड़कियां नाबालिग हैं. इन लड़कियों का शारीरिक शोषण किया गया. अब नाबालिग से जुड़े मामलों में 8 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं.
आपस में एक-दूसरे के संपर्क में थे ‘लव जेहादी’-
कानपुर में लव जेहाद की साजिश पर खुलासा ये भी हुआ है कि इस साजिश के 4 आरोपी एक दूसरे से जुड़े थे. चारों एक दूसरे से बातें करते थे. ये एक संगठित साजिश का संकेत भी हो सकता है. इसे देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से लव जेहाद के खिलाफ पेश किया गया अध्यादेश ऐसे मामलों को रोकने का एक बड़ा हथियार बन सकता है.