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पति के अंतिम संस्कार के बदले पत्नी ने रखी अनोखी मांग, प्रशासन का छूटा पसीना

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के उस्का बाजार थानाक्षेत्र के रेहरा बाजार मुहल्ले में एक महिला अपने पति की मौत के बाद 4 दिनों से अंतिम संस्कार न करने की जिद पर अड़ी रही. उसका कहना था कि प्रशासन पहले उसके मकान को उसके नाम लिखवाए. जबकि मकान को 4 साल पहले उसका पति बेच चुका था और मामला कोर्ट में है. मकान पर कब्जा मृत व्यक्ति के परिवार का बना हुआ है.

4 दिनों से शव का अंतिम संस्कार न होने से संक्रामक बीमारी फैलने के खतरे को देखकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों को काफी समझाया. समाज के सभी वर्गों के लोग मृतक की पत्नी अंजू जायसवाल को काफी समझा रहे थे लेकिन परिजन बात मानने को तैयार नहीं थे. आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने परिजन में से एक युवक के साथ मारपीट भी की. आखिरकार मृतक के ‌छोटे भाई सुरेश ने विधि विधान से दाह संस्कार किया.

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परिजनों के अनुसार उसका बाजार थानाक्षेत्र के रेहरा बाजार में रहने वाले गजेंद्र प्रसाद की मृत्यु बीते रविवार को हो गई. मृत्यु के बाद गजेंद्र की पत्नी ने अपने बेटे की गुजरात से वापसी तक अंतिम संस्कार नहीं किया. मंगलवार रात बेटे की वापसी के बाद जब अधिकारियों को अंतिम संस्कार न होने की जानकारी हुई तो वे घर पहुंचे. पूछताछ के दौरान गजेंद्र की पत्नी अंजू और बेटी ने कहा कि जब तक उसके मकान को उसके नाम नहीं किया जाएगा, तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेगी.

पता चला कि, मकान गजेंद्र ने 2016 में उसका बाजार के राजू छपड़िया को बेच दिया था. लेकिन गजेंद्र की पत्नी आरती ने पति की मानसिक स्थिति खराब होने की बात कहकर तत्काल ही इस मामले को लेकर न्यायालय में परिवाद दाखिल कर दिया था, जिस पर स्टे चल रहा है. मकान पर कब्जा मृतक के परिवार का बना हुआ है. अब पति की मृत्यु के बाद वह उस मकान पर प्रशासन से अपने नाम कराने की बात को लेकर जिद पर अड़ गई. मामले में सीओ, सदर प्रदीप यादव और एसडीएम नौगढ़ विकास कश्यप ने कहा कि मामला कोर्ट में लंबित है, जो भी फैसला आयेगा उसी के अनुसार विधिक‌ कार्यवाही की जाएगी.