सुल्तानपुर डॉक्टर घनश्याम तिवारी का हत्याकांउ में मुख्य आरोपी अजय नारायण सिंह ने पुलिस के सामने आत्मसमपर्ण कर दिया है। इससे पुलिस गदगद है कि, उसकी गर्दन बच गई वहीं सरकार ने भी राहत की सांस ली है। लेकिन आरोपी अजय नारायण के आत्मसमपर्ण के बाद डॉक्टर की पत्नी निशा तिवारी संतुष्ट नहीं है। ऐसे में जब सांसद मेनका गांधी डॉक्टर की पत्नी निशा तिवारी से मिलने पहुंची तो उनके सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने सरकार, प्रशासन सबको कटघरे में खड़ा कर दिया।
निशा तिवारी ने सांसद से बातचीत करते हुए कहा कि, सबने अपनी अपनी कर ली अब आपकी बारी है, देखना है आप क्या करती हैं। मेरी बात को अन्यथा मत लीजिएगा, मेरी जगह कोई भी होता तो वह ऐसे ही पूछता। अभी कल ही उसने सरेंडर किया यहां की पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई। 14-15 दिन हो गए मेरे पति की हत्या हुए, पुलिस को कभी उसकी लोकेशन बनारस मिल रही थी, तो कभी कहीं मिल रही थी लेकिन अंत में उसने सरेंडर किया। इसका क्या मतलब हुआ प्रशासन कहीं से सपोर्ट कर रहा है। वह इतने पावरफुल लोग हैं कल को मेरे साथ भी कुछ कर सकते हैं।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए निशा तिवारी ने कहा कि, आप तो एक-एक चीज जानती हैं, कोई नई चीज नहीं है बताने के लिए, ना मैं राम कहानी बताने के लिए यहां आपके पास बैठी हूं। जिस चौकी क्षेत्र पर मेरे पति की हत्या हुई उस चौकी पर आकर के नाटक के तरीके से वो खड़ा हो जाता है और पुलिस कहती है कि, मैंने उसको गिरफ्तार किया है। उसको पकड़ा गया है या उसने आत्मसमर्पण किया है? आज वो जेल में है, कल को वह छूट भी सकता है।
बड़े-बड़े रसूक वाले उसकी पकड़ में हैं। अगर इतना ही होता तो प्रशासन उसको पकड़ता। मेरी 101 प्रतिशत इच्छा थी कि, मैं आपसे ना मिलूं। लेकिन मुझे लगा कि, आप हैं, रेस्पेक्ट करनी चाहिए इसलिए मैं आपसे मिलने आई हूं। क्योंकि मेरे साथ अभी तक कोई न्याय नहीं हुआ है। उसने खुद सरेंडर किया कितनी शर्म की बात है। उसके साथ हर चीज होनी चाहिए थी ना।
उसके बाद वो सीएम पर भी नाराज नजर आई। उन्होंने कहा कि, योगी जी बहुत कुछ करते हैं। काउंटर करवाते हैं। अपराधियों को पकड़वाते हैं। कुछ हुआ मेरे साथ। कल को तीन-चार महीने मुकदमा चलेगा और वह छूट जाएगा फिर मैं मेरा बेटा। मेरे साथ ना तो शासन, ना प्रशासन, ना योगी जी कोई भी निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है। मैं यह चाहती हूं कि, मेरे साथ निष्पक्षता से कार्रवाई की जाए और इसकी जांच सीबीआई से करवाई है। क्योंकि मेरे साथ शुरू से लीपापोती होती जा रही है। जब तक अंत्येष्टि नहीं हुई थी तब तक मेरी सारी बातें जो है करने के लिए तैयार थे। मेनका गांधी ने सब सुनने के बाद गैर जिम्मेदाराना बात कही। उन्होंने कहा कि, मर्डर में कानूनी तो पैसा नहीं मिलता। आपको 10 लाख रुपये मिले यह आपके साथ हमदर्दी थी। तो आपको दिया गया है, वरना कानूनन एक पैसा नहीं मिलता है।’