उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट पर 5 सितंबर को उपचुनाव होना है। जिसके लिए पिछले काफी समय से अलग अलग राजनीतिक पार्टी चुनाव प्रचार प्रसार कर रही हैं और दावा कर रही थी कि घोसी विधानसभा सीट पर उनकी पार्टी जीतेगी। लेकिन इसी बीच घोसी उपचुनाव से दूर बसपा के एक फैसले ने राजनीतिक गलियारें में हलचल मचा दी है। बसपा ने अपने वोटरों से अपील करते हुए नोटा का बटन दबाने को कहा है। बसपा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बसपा चीफ मायावती का हवाला देते हुए अपने वोटरों से चुनाव से दूर रहने की अपील की है। वहीं जो मतदान में भाग लेने के लिए घर से निकलते भी हैं तो उनसे नोटा बटन दबाने को कहा गया है।
हालांकि बसपा के इस ऐलान के बाद जाहिर है कि बीजेपी बसपा के वोटरों को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुट गई है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, घोसी में बसपा के करीब 90 हजार से ज्यादा वोटर्स हैं। अगर बीजेपी को इन वोटर्स का साथ मिलता हैं, तो इसका असर चुनाव के परिणाम पर दिखेगा।
घोसी उपचुनाव को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले काफी अहम माना जा रहा है। इस चुनाव को एनडीए वर्सेस इंडिया गठबंधन के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन इस चुनाव में सबसे बड़ी लड़ाई बीजेपी और सपा के बीच है। लेकिन इसी बीच जब बसपा ने ऐलान कर दिया कि, बसपा के वोटर नोटा बटन दबाएंगे। जिससे चुनाव के परिणाम पर असर देखने को मिल सकता है। इसका कारण ये है कि, घोसी सीट पर 90 हजार से ज्यादा अनुसूचित जाति के वोटर हैं। बसपा के इस ऐलान के बाद बीजेपी घोसी में एक्टिव हो गई है।
राजनीतिक इतिहास में पहली बार
भारतीय राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा जब किसी राजनीतिक दल ने साफ साफ शब्दों में अपने समर्थकों से चुनाव से दूर रहने की अपील की है। वहीं जो मतदान में भाग लेने के लिए घर से निकलते भी हैं तो उनसे नोटा बटन दबाने को कहा है। ना ही उम्मीद है कि भविष्य में कोई राजनीतिक दल ने चुनाव से पहले ऐसा ऐलान करेगा।
घोसी में मतदाता
90 हजार अनुसूचित जाति, 95 हजार मुस्लिम, 50 हजार राजभर, 50 हजार नोनिया, 30 हजार बनिया, 19 हजार निषाद, 15-15 हजार क्षत्रिय, कोइरी, 14 हजार भूमिहार, 7 हजार ब्राह्मण, 5 हजार कुम्हार।