Breaking News

सपा और कांग्रेस में चल रहा माइंडगेम, क्या मध्य प्रदेश में सुलझेगा सीटों का खेल?

अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच इन दिनों माइंड गेम चल रहा है. दोनों बस एक दूसरे की धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं. दोनों ही दल दो कदम आगे चलकर एक कदम पीछे हटने की रणनीति पर हैं. पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 25 सितंबर को रायपुर का दौरा रद्द कर दिया था. रायपुर के अग्रसेन भवन में विधानसभा चुनाव को लेकर उन्हें पार्टी नेताओं के साथ बैठक करना था. उसी दिन बिलासपुर में राहुल गांधी का भी दौरा था. कांग्रेस से बनते अच्छे रिश्ते के नाम पर अखिलेश यादव ने रायपुर की यात्रा आख़िरी समय पर कैंसिल कर दी.

अखिलेश यादव अब 27 सितंबर को मध्य प्रदेश जा रहे हैं. रीवा ज़िले के सिरमौर में समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता सम्मेलन है. अखिलेश इसी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं. एमपी चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी अब तक छह उम्मीदवार तय कर चुकी है. पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी के सिर्फ़ एक सीट पर जीत मिली थी. छत्तरपुर के बिजावर से विधायक चुने गए राजेश शुक्ला बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी पांच सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी.

मध्य प्रदेश में कम से कम दो सीटें चाहती हैं सपा
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी विपक्षी एकता इंडिया गठबंधन में शामिल हैं. दोनों पार्टियां लोकसभा चुनाव साथ लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं. पर समाजवादी पार्टी एमपी चुनाव भी गठबंधन में लड़ना चाहती है. अखिलेश यादव चाहते हैं कि कम से कम दो सीटें कांग्रेस उनके लिए छोड़ दे. कांग्रेस किसी भी सूरत में समाजवादी पार्टी से संबंध ख़राब नहीं करना चाहती है. एमपी में कांग्रेस तो मज़बूत है लेकिन यूपी में तो पार्टी के पास कुछ नहीं बचा है. समाजवादी पार्टी को कितनी सीटें दी जाएं! कांग्रेस अब तक फ़ैसला नहीं कर पाई है. जबकि इंडिया गठबंधन की कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक में 13 सितंबर को ही ये सहमति बन गई थी. कांग्रेस के महासचिव और एमपी प्रभारी रणदीप सिंह सूरजेवाला कहते हैं ये फ़ैसला पार्टी ने कमलनाथ पर छोड़ दिया है.

कांग्रेस के पास कोई विकल्प नहीं दिखता
एमपी चुनाव के बहाने ही अखिलेश यादव रिश्तों के तराज़ू पर कांग्रेस को तौल लेना चाहते हैं. अगर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में उनका मान रखा तो फिर वे भी कांग्रेस को उतना ही सम्मान देंगे. लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी के मामले में कांग्रेस के पास कोई और विकल्प नहीं है. बीएसपी चीफ़ मायावती कांग्रेस के भाव नहीं दे रही हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी ही विकल्प बचती है. इसीलिए तो अखिलेश यादव कहते हैं कि हम सीटें मांग नहीं रहे हैं बल्कि दे रहे हैं. सीटों के बंटवारे पर जारी क्लेश के कारण ही भोपाल में होने वाली इंडिया गठबंधन की पहली रैली रद्द हो चुकी है.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *