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Mahoba: खनन माफियाओं का बोलबाला, दिन दहाड़े गरज रहीं पोकलैंड मशीने

Mahoba News: उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद में खनिज माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि यहाँ दिन दहाड़े खनिज माफियाओं ने सभी नियमों को ताख पर रखते हुए पोकलैंड ओर जेसीबी से खनिज संपदा को लूटने में लगे है। आपको बता दे की हरियाणा,उरई और गोरखपुर से आये खनिज माफिया ने किसानों के खेतों में निजी पट्टे पर अपना सिक्का जमा रखा है। हालांकि खनिज इंस्पेक्टर एजाज अहमद ने मौके पर जाकर 6 गाड़ियों के Online चालान किए हैं. जिसके बाद बालू माफियों में हड़कंप मच गया है

दरहसल बुंदेलखंड हमारे देश का पिछड़ा हुआ इलाका माना जाता है, यहां के रहने वाले गरीब तबके के लोग अपनी दो वक्त की रोटी कमाने के लिए दिल्ली,गुजरात, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में जाकर काम करते हैं जिससे उनका और उनके परिवार का भरण पोषण हो सकें।

आपको बता दे की पूरे एसिया की सबसे बड़ी पत्थर मंडी महोबा के कबरई में है, लेकिन फिर भी यहां के लोगों का हाल बेहाल है, तो वहीं इस समय यहां के किसानों के खेतों को समतल बनाने के लिए निजी पट्टे धड़ाधड़ आवंटित किए जा रहे हैं, जिससे किसान खेती करके अपनी जिंदगी खुशहाल जी सके, लेकिन किसानों से सांठगांठ करके यहां श्योड़ी में उरई वाले शर्मा जी अपना सिक्का चला रहें हैं, और दिन दहाड़े पोकलैंड मशीने गरज रहीं हैं और हरगोविंद पुत्र मातादीन का खेत तालाब बन गया है। अब हरगोविंद के खेत में बुवाई होना नामुमकिन हैं, लेकिन उरई वाले शर्मा जी रातों रात मोटी रकम कमा रहे हैं तो वहीं नगारा गांव के सुरेन्द्र नामक किसान के खेत में भी बालू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं, और यहां भी शर्मा जी का सिक्का चल रहा है.

खनिज इंस्पेक्टर ने 6 गाड़ियों का किया चालान

वहीं खनिज अधिकारी शनि कौशल के आदेश पर खनिज स्पेक्टर एजाज अहमद मौके पर पहुंचे और ओवरलोड बालू से भरे ट्रकों के Online चालान कर दिए, लेकिन कहते हैं ना की अब चिठ्ठी वाला जमाना नहीं रहा क्यों कि इंस्पेक्टर साहब मौके तक गए और खाना पूर्ती करके उल्टे पांव लौट आए तथा ऐसा माना जा रहा है कि किसी रसूखदार माफिया का फोन आया होगा या 2 पेटी मतलब 2 लाख की बात हो सकती है , क्यों कि साहब ने केवल 6 गाड़ियों के चालान किए जबकि मौके पर ही कई गाड़ियों को यूं ही छोड़ दिया, जिससे मिलजुलकर हमारे जिले को लूटा जा रहा है, और यह सब खनिज अधिकारी शनि कौशल की नाक के नीचे हो रहा।

रिपोर्ट- धर्मेंद्र कुमार

 

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