उत्तर प्रदेश में अब महिलाओं को पुलिस थाने में कोई भी शिकायत दर्ज कराने में दिक्कताें का सामना नहीं करना पड़ेगा। योगी सरकार ने थानों में महिला हेल्प डेस्क बना दिया है। प्रयागराज के कर्नलगंज थाने में बने महिला हेल्प डेस्क का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑनलाइन उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री प्रदेश के कुछ पुलिस कप्तानों से रूबरू भी हुए हालांकि प्रयागराज का नंबर नहीं आया। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम खत्म होने के बाद फूलपुर की सांसद केशरी देवी पटेल ने फीता काटकर महिला हेल्प डेस्क का उद्घाटन किया। इस दौरान मेयर अभिलाषा गुप्ता और जिला पंचायत सदस्य रेखा सिंह भी मौजूद रहीं। इसी के साथ ही प्रयागराज जिले के सभी 38 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत हो गई। अब हर थाने में महिला संबंधित अपराध की शिकायत का महिला पुलिसकर्मी ही सुनवाई करेंगी।
कर्नलगंज थाने में बना महिला हेल्प डेस्क के उद्घाटन को लेकर गुरुवार से ही तैयारियां चल रही थीं। थाने को फूल और गुब्बारों से सजाया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत से पूर्व ही एडीजी जोन प्रेम प्रकाश, आईजी केपी सिंह, डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी और डीएम भानु चंद्र गोस्वामी समेत अन्य अधिकारी पहुंच गए। इनके अलावा पार्षद समेत अन्य स्थानीय लोग भी इस कार्यक्रम में शरीक हुए। सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन महिला हेल्प डेस्क का उद्घाटन किया। उद्घाटन के बाद डीआईजी सर्वेश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि कर्नलगंज समेत जिले के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाया गया है। दो-दो महिला सिपाहियों की तीन शिफ्ट में इस डेस्क पर ड्यूटी लगी है। कोई भी पीड़िता अगर थाने पहुंचती है तो महिला डेस्क की टीम उसकी मदद करेगी। उनकी काउंसलिंग करने से लेकर मुकदमा दर्ज कराने तक की कार्रवाई होगी। इसी तरह शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों के सभी थानों में शाम तक महिला हेल्प डेस्क का कहीं एडिशनल एसपी तो कहीं पर सीओ ने उद्घाटन किया।
कर्नलगंज थाने में महिला हेल्प डेस्क के उद्घाटन के बाद दोपहर कटरा की एक युवती पहली फरियादी बनकर पहुंची। पीड़िता को महिला डेक्स में तैनात महिला कांस्टेबल पूजा जायसवाल और अंकिता ने बैठाया और उनकी पूरी बात सुनी। युवती ने बताया कि उसके ससुराल वाले दहेज के नाम पर उसका उत्पीड़न कर रहे हैं। उसे घर से निकाल दिया है। वह मायके में रह रही है। पीड़िता की बात सुनकर महिला हेल्प डेस्क की टीम ने एक पर्ची पर लिखकर उसको रिसीविंग दी जिसमें उस प्रकरण की सुनवाई कर रहे दरोगा का मोबाइल नंबर और नाम अंकित था। डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि हेल्प डेस्क को मिलने वाली सभी शिकायतों को स्कैन करके ऑनलाइन सुरक्षित किया जाएगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी इसकी समीक्षा करेंगे। डीआईजी हर पखवाड़े में महिला संबंधित अपराध की समीक्षा करेंगे कि किस प्रकरण में क्या कार्रवाई हुई।
महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत के साथ ही सभी थानेदारों को निर्देश दिया गया कि वह महिला हेल्प डेस्क बनाएंगे। 8 बाई 10 के कमरे को आधुनिक तरीके से बनाना था जिसमें ऊपर का हिस्सा शीशे का बनना था। अंदर कुर्सी मेज और और सीसीटीवी कैमरा लगना है। पुलिस कर्मियों का आरोप था कि बिना बजट के ही फरमान जारी हो गया। इस बारे में आईजी केपी सिंह ने बताया कि शासन की ओर से महिला हेल्प डेस्क बनाने के लिए सभी थानों को एक-एक लाख दिए जाएंगे। शुरुआत में 50 हजार रुपये दिया जा रहा है।