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बिना तामझाम के अधिकारियों तक इसी स्टाइल में पहुंचते हैं एमएलसी..

रिपोर्ट: निसार अहमद

सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के इतिहास वही लोग रचते और लिखते हैं,साथ ही इतिहास के पन्नों में तरजीह उन्हीं को मिलती है,जो त्याग-तपस्या के रास्ते पर चलने का काम करते हैं। ऐसे ही राजनीति के “संत” है। सुल्तानपुर व अमेठी के एमएलसी। जिन्हें लोग राजनीति के “गांधी” की संज्ञा देते हैं। न मिलने की कोई चाहत न जाने का कोई गम। यही इनकी राजनीति की पहचान है। बिना लाग लपेट के जो कोई भी पीड़ित पहुंचा, तो तुरंत बिना भेदभाव के आंसू पोछने का काम करते हैं। जरूरत पड़ी तो पैदल,नहीं तो मोटरसाइकिल से ही प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंचकर पीड़ित को राहत दिलाने का काम करते हैं। ऐसा ही एक वाक्या सोमवार को देखने को मिला। तत्काल मोटरसाइकिल पर सवार हुए और गंतव्य की ओर चल पड़े। जिसकी चर्चा फोटो वायरल होने के बाद चहुं ओरहो रही है।

दरअसल मोटरसाइकिल पर सवार हुआ व्यक्ति कोई साधारण व्यक्ति नहीं है, बल्कि सुल्तानपुर और अमेठी क्षेत्र के एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह है। ऐसे ही 90 के दशक में जब पहली बार और दूसरी बार के साथ तीसरी बार लगातार विजय की “हैट्रिक” लगाई तो इनके कार्यों की चर्चा जिले से लेकर प्रदेश तक होती रही। जो भी पीड़ित व्यक्ति इनके दीवानी आवास पर पहुंचा, उसके आंसू पोछने का काम करते रहे। जरूरत पड़ी तो प्रशासनिक अधिकारियों के पास पैदल,रिक्शा,साइकिल से पहुंचने का काम भी एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने किया है। यह कहानी नहीं बल्कि हकीकत है। लेकिन नई पीढ़ियों को इनकी सादगी के बारे में जानकारी नहीं है।वयोवृद्ध नेताओं से इनके कार्यों की चर्चाएं नवयुवक सुने हैं।उम्र दराज नेता बताते हैं कि एमएलसी जितना सरल नेता मिल नहीं सकता। इसी सरलता के दम पर तीन बार लगातार एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने विजय की “हैट्रिक” लगाई है। जिसमें दूसरी बार निर्दल के रूप में भी इतिहास रचने और लिखने का काम किया है। अब चौथी बार के सुल्तानपुर अमेठी जनपद के एमएलसी बने हैं। लेकिन स्टाइल वही है, नेचर में कोई बदलाव नहीं आया।

जैसा लोग सुनते थे। आज भी उसी रास्ते पर एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह चला रहे हैं। सादगी और ईमानदारी ही इनकी राजनीतिक पूंजी है। इसी पूंजी के बल पर इतिहास रचने और लिखने का काम भी कर रहे हैं। एक वाक्या सोमवार को देखने को मिला। एक युवा नेता जो सपा की राजनीति करते हैं। निवर्तमान युवजनसभा के प्रदेश सचिव हैं। उनका एक कार्य जब पड़ा और एमएलसी साहब से बयां किया तो बिना लाग लपेट के कहा कि मोटरसाइकिल लाए हो, कहते हैं जी। तत्काल स्टार्ट करा और चलते हैं प्रशासनिक अधिकारी के पास। मोटरसाइकिल पर एमएलसी सवार होते हैं और युवा सपा नेता लेकर अधिकारी के पास पहुंचते हैं। लौटने के बाद युवा नेता बयां करते हैं कि भैया यस नेता मिलब बड़ा मुश्किल बा। न कोई ताम न कोई झाम। तुरंत बात करा और तुरंत रिजल्ट लिया। इसी कार्य को लेकर जिले से लेकर प्रदेश तक एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह के खूबियों की चर्चाएं होती रहती है।