भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की वैज्ञानिक एन वलारमथी अब हमारे बीच नहीं रहीं। जी हां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एन वलारमथी का बीते दो सितंबर को निधन हो गया है। एन वलारमथी का निधन शनिवार शाम चेन्नई में हो गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एन वलारमथी देश के पहले स्वदेशी रडार इमेजिंग सेटेलाइट RISAT की परियोजना निदेशक भी रह चुकी थी। इसके अलावा एन वलारमथी चंद्रयान-3 मिशन का भी हिस्सा रह चुकी है। बहुत कम लोग जानते हैं कि, एन वलारमथी काउंटडाउन के पीछे की उनकी ही थीं
खबरों के अनुसार ऐसा कहा जा रहा है कि इसरो की वैज्ञानिक एन वलारमथी के निधन की वजह से दिल का दौरा बताया जा रहा था। उन्होंने ही चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के वक्त उन्होंने ही उल्टी गिनती की थी। एन वलारमथी के निधन पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक वेंकटकृष्ण ने दु:ख जताया है।
पूर्व वैज्ञानिक वेंकटकृष्ण ने ‘एक्स’ पर किए गए एक पोस्ट में एन वलारमथी के निधन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, श्रीहरिकोटा से इसरो के आगामी मिशनों में अब वलारमथी मैडम की आवाज सुनाई नहीं देगी। मिशन चंद्रयान-3 उनका अंतिम काउंटडाउन था। उनके निधन से गहरा दुख हुआ है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, एन वलारमथी तमिलनाडु अरियालुर की रहने वाली थी, आखिली घोषणा उन्होंने 30 जुलाई को की थी, जब पीएसएलवी—सी56 रॉकेट एक वाणिज्यिक मिशन के तहत सिंगापुर के सात उपग्रहों को लेकर रवाना हुआ था। बता दें कि बीते 14 जुलाई को चंद्रयान 3 को दोपहर दो बजे लॉन्च किया गया था। जबकि 23 अगस्त शाम 6 बजे ये चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की। इसके साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया, और इससे भारत दुनिया के उन तीन देशों में शामिल हो गया जो चांद पर पहुंचा है।