भारतीय धर्म शास्त्र अपने अंदर काफी गूढ़ तथ्यों को सहेजे हुए है. भारत पुरुष प्रधान देश कहा जाता है. मगर यहां महिलाओं का सम्मान कम नहीं है. भारतीय ऋषि-मुनियों द्वारा भारत में कई त्योहार महिलाओं, कन्याओं के सम्मान में शास्त्रों में कहे गए हैं. भारतीय नवरात्रि (चैत्र एवं अश्विन) महिला सम्मान का प्रतीक है. इस बार चैत्र नवरात्रि 2 से 11 अप्रैल तक रहेगा. महाष्टमी 9 अप्रैल जबकि नवमी तिथि 10 अप्रैल को होगी. इस पावन पर्व के बारे में विस्तार से जानें-
चैत्र नवरात्रि घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
2 अप्रैल, दिन शनिवार प्रात: 6:24 से 8:29 तक एवं घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:05 से दोपहर 12:50 बजे तक रहेगा.
इस समय घट स्थापना से बचें- प्रात: 5:55 से 6:45 तक तथा 6:45 से 7:38 तक.
चैत्र नवरात्रि बनाए जाने का महत्व
भारतीय मान्यता के अनुसार देवताओं के वरदान से अत्यन्त मजबूत एवं क्रूर हो चुके महिषासुर का आतंक पृथ्वी पर काफी बढ गया था, मानव को छोड़िए देवता गंधर्व सभी महिषासुर के आतंक से आतंकित हो चुके थे. इसको ऐसे-ऐसे वरदान प्राप्त थे जिसके कारण महिषासुर का सामना देवताओं द्वारा नहीं किया जा सकता था. देवता असमर्थ हो चुके थे. ऐसी स्थिति में समस्त देवताओं ने मिलकर माता पार्वती की आरधना की और उन्हे प्रशन्न किया. जब माता पार्वती प्रसन्न हुई तो देवताओं ने उनसे अपनी रक्षा का अनुरोध किया, देवताओं के आग्रह से माता पार्वती ने अपने अंश से नौ रूप प्रकट किये देवताओं ने उन्हे अपने अमोघ अस्त्र दिये जिससे नौ दुर्गा शक्ति सम्पन्न हुई एवं देवताओं की रक्षा हेतु महिषासुर के संहार के लिए विभिन्न चरित्र अपनाकर महिषासुर का अंत किया. नौ दुर्गा के इन नौ स्वरूपों का क्रम चैत्र माह प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होकर नौमी तिथि तक चलता रहा.