बागपत जिले में तैनात यूपी पुलिस में एसआई विनोद शर्मा ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। विनोद शर्मा ने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा का कारण परिवार को समय ना दे पाने के कारण दिया हैं। उन्होंने अपने इस्तीफा में लिखा है कि वो पुलिस की नौकरी के कारण अपने परिवार को समय नहीं दे पा रहे हैं। जिस कारण पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे रहे हैं।
सैंमसंग कंपनी में 80 हजार रुपए की नौकरी छोड़कर बने थे एसआई
अलीगढ़ के रहने वाले विनोद शर्मा सैमसंग कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी करते थे। उनकी सेलरी 80 हजार रुपए महीना थी। इसके बाद यूपी पुलिस में एसआई भर्ती हो गए। लेकिन अब उन्होंने दरोगा के पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे की वजह उन्होंने परिवार के लिए समय नहीं मिलने की बताई है। यह बात उन्होंने अपने इस्तीफा में भी लिखी है। वह तीन साल पहले सैमसंग कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर की 80 हजार रुपए की नौकरी छोड़कर यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे। उधर, एसआई के नौकरी छोड़ने का मामला पुलिस महकमे में सुर्खियों में रहा।
अलीगढ़ जिले के गांव गोंडा निवासी विनोद शर्मा इंजीनियरिंग करने के बाद सैमसंग कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी कर रहे थे। एसआई की भर्ती के लिए तैयारी की और वर्ष 2020 में एसआई में भर्ती हो गए। ट्रेनिंग के बाद बागपत जिले में तैनाती मिली। इस दौरान वो कई जगह पर चौकी प्रभारी भी रहे। अपनी तीन साल की पुलिस की नौकरी में अधिक व्यस्तता के कारण परिवार के लिए समय नहीं मिलने पर एसआई विनोद शर्मा ने नौकरी छोड़ने का मन बना लिया। उन्होंने अपना इस्तीफा एसपी अर्पित विजयवर्गीय को भेज दिया है। जिसमें उन्होंने परिवार के लिए कम समय मिलने की परेशानी बताई है।
एसआई विनोद शर्मा का कहना है कि इस्तीफा देने के बाद वह तीन दिन छुट्टी पर गांव आ गए हैं। इस्तीफा मंजूर होने के बाद अब फिर से उसी कंपनी में प्राइवेट नौकरी करेंगे।
छुट्टी नहीं मिलने के कारण नौकरी छोड़ने की चर्चा
एसआई विनोद शर्मा के इस्तीफा देने के बाद चर्चा है कि उन्होंने छुट्टी नहीं मिलने के कारण इस्तीफा दिया। जिसको लेकर विनोद शर्मा ने बातचीत में कहा कि छुट्टी की कोई बात नहीं वह केवल परिवार के लिए समय चाहते है। इसलिए इस्तीफा दिया है। एसपी को दिए इस्तीफे में उन्होंने यही कारण लिखा है। इस बारे में जब एसपी अर्पित विजयवर्गीय से बात की गई तो उनका कहना था कि एसआई ने परिवार के लिए समय नहीं मिलने के कारण इस्तीफा दिया है। जिसमें एसआई और उसके परिवार वालों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे। वह किसी के दबाव में तो इस्तीफा नहीं दे रहे। इसके बाद फाइल शासन को भेजी जाएगी।