उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शादी और अन्य सार्वजनिक समारोह में मेहमानों की संख्या 200 से घटाकर 100 कर दी गई है. हालांकि अभी राजधानी लखनऊ में यह पाबंदी लागू नहीं है. आज लखनऊ जिला प्रशासन और टेन्ट‚ कैटर्स‚ बैंड व डीजे कारोबारियों के बीच बैठक होनी है. इससे पहले रविवार को भी बैठक हुई थी, लेकिन बेनतीजा निकली थी. कारोबारियों ने तर्क रखा कि इन कारोबार से जुड़े कर्मचारी अब मजदूरी करने को मजबूर हो गए हैं‚ कारोबारियों की भी हालत खस्ता है. सहालग आने पर कुछ आशा की किरण जागी थी‚ वह भी अब बुझती नजर आ रही है. डीएम आज इस संबंध में बैठक कर मेहमानों पर फैसला करेंगे.
20 माह के बाद लगन शुरू हुई तो बुकिंग नहीं-
डीजे कारोबारी व आलमबाग व्यापार मंडल के युवा नेता मनीष अरोड़ा कहते हैं कि, पिछले करीब 10 माह से कारोबार चौपट हो गया है. अब लगन शुरू हुई थी‚
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एक उम्मीद की किरण जगी थी जो कि अब एक बार फिर निराशा में बदलती नजर आ रही है‚ क्योंकि मेहमानों की संख्या कम होने पर लोग केवल रस्म अदायगी ही कर रहे हैं. पहले शादी समारोह से पहले महिला संगीत में डीजे साउंड बजता था, बहुत से लोग ढोल भी मंगाते थे. ये सब तो पहले ही बंद हो गया है. अब जबकि मेहमानों की संख्या पर रोक लग गई है तो लोग डीजे भी नहीं मंगा रहे हैं.
इसी तरह लाजपत नगर चौक के व्यापारी हैप्पी पोपली कहते हैं कि, कोरोना की वजह से सरकार ने भी निर्णय ले रही है‚ वह जनता के हित में है. लेकिन कारोबारियों के छोटे-छोटे कम बंद हो गए हैं. स्टाफ बहुत अधिक है, ऐसे में स्टाफ का खर्च‚ घर का खर्च निकालना कठिन हो गया है. टेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कनौजिया का कहना है कि मेहमानों की संख्या घटने से लोगों ने पंडालों का आकार भी घटा दिया है‚ मेहमान कम हैं इसलिए खाना भी कम बनेगा‚ स्टाफ को खर्च देना भी कठिन हो रहा है.