पूर्वांचल के दो बड़े माफिया मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह की अदावत किसी से छिपी नहीं है। पूर्वांचल में दोनों का भौकाल बोलता है, दोनों ने अपना अपना सियासी रसूख बनाया। दोनों सियासत के मैदान में भी अलग अलग खेमे में रहते है। लेकिन सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर इकलौते ऐसे नेता हैं, जो दोनों से संबंध रखते है। राजभर ने 2022 के चुनाव में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को अपने चुनाव चिन्ह छड़ी पर विधायक बनाया। लेकिन जैसे ही राजभर पाला बदल सपा से भाजपा के साथ आए, तो बृजेश सिंह के साथ तगड़ा याराना कर लिया और अब राजभर के एख ऐलान कर अंसारी परिवार को ऐसा झटका दिया है जो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा।
जी हां कभी खुद को अंसारी परिवार का एहसानमंद बताने वाले राजभऱ ने अब बृजेश सिंह को गाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ाने का संकेत दे दिया है। जानकारी के मुताबिक ओमप्रकाश राजभर इससे पहले भी बृजेश सिंह के घर गए हैं और उन्हें पार्टी से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है। हालांकि इस पर बृजेश सिंह ने खुले तौर पर जवाब नहीं दिया है। लेकिन फिलहाल कयास लगाए जा रहे हैं कि बृजेश सिंह सुभासपा के चुनाव चिन्ह पर गाजीपुर से चुनाव लड़ सकते हैं।
इस सीट पर दमदार वापसी से ओमप्रकाश राजभर प्रदेश की राजनीति में फिर से अपने छवि को मजबूर करने में सफल हो पाएंगे। सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि, NDA गठबंधन को 2024 लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दिलाने के लिए इस बार सुभासपा चुनावी मैदान में होगी। आगामी लोकसभा चुनाव में गाजीपुर से बाहुबली बृजेश सिंह सुभासपा के सिंबल पर चुनाव लड़ सकते हैं, इसको लेकर बैठकों का दौर भी जारी है लेकिन यह फैसला NDA शीर्ष नेतृत्व का होगा। हम सभी यह चाहते हैं कि, प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार देश का नेतृत्व करें और सभी वर्गों का विकास करें।
राजभर ने एक बयान में कहा कि, जब बृजेश सिंह का वोटर लिस्ट में नाम है तो वह चुनाव लड़ ससकते है। आपको बता दें कि गाजपुर सीट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी सांसद थे। लेकिन एक मामले में सजा के बाद उनकी सांसद चली गई। ऐसे में गाजीपुर से ही बृजेश सिंह को चुनाव लड़ाने के संकेत के पीछे राजभर का क्या प्लान है। ये देखने वाली बात होगी। अब सवाल है कि राजभर पूर्वांचल के दो बड़े चेहरों का इस्तेमाल कर खुद को बाहुबलियों का बाहुबली घोषित करना चाहते है या फिर वह बाहुबलियों के दांव में फंसे है। क्योंकि जब वह सपा के साथ थे तो मुख्तार अंसारी को अपना अच्छा दोस्त बताते थे और अब बृजेश सिंह को अपना मित्र बताते है।
फिलहाल अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले राजभर ने फिर से सुर्खियों में है। अब देखना ये होगा कि, क्या भाजपा भी बृजेश सिंह की एंट्री कराना चाहती है या फिर यह सिर्फ राजभर का ही सपना है।
ब्यूरो रिपोर्ट nttv bharat