रिपोर्ट : निसार अहमद
सुल्तानपुर, यूपी
सुल्तानपुर. देश में किसानो के वृहद आंदोलन को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है इसी कड़ी में पीस पार्टी के सुलतानपुर ज़िले के ज़िलाध्यक्ष आरिफ़ हाशमी ने भी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि पीस पार्टी पहले दिन से कृषि सुधार के नाम पर बनाए गए तीनों काले क़ानूनों का विरोध करती रही है, और इन क़ानून को वापस न लिये जाने तक विरोध करती रहेगी। उन्होंने कहा कि यह सरकार चंद पूंजीपतियों के हितों के मद्देनज़र देश के अन्नदाता को उसी के खेत में गुलाम बनाना चाहती है।पीस पार्टी के ज़िलाध्यक्ष ने कहा कि हमारी पार्टी शांति न्याय एंव भाईचारे में विश्वास रखती है।
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उन्होंने कहा कि हम हर तरह के उत्पीड़न के खिलाफ हैं। यह क़ानून अंग्रेज़ों की ग़ुलामी में लाए गए रालेट एक्ट की तरह है।यह पूंजीवाद को बढ़ावा और लोकतंत्र को खत्म करने की कवायद है। किसानों के ख़िलाफ की जा रही सरकार की इस साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा। आगे कहा कि अगर किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम मिल रहा होता तो वह अपनी फसल लेकर मंडी क्यों आता।
लेकिन इस सरकार ने ऐसा कानून बनाया है जो मंडियों का अस्तित्व ही समाप्त करके न सिर्फ बेरोजगारी बढ़ाएगा बल्कि किसानों की फसल को मनमाने ढ़ंग से खरीदने के रास्ते खोलेगा। इससे अन्नदाता का उत्पीड़न होगा। भारत एक कृषि प्रधान देश है।देश का अन्नदाता यदि प्रताड़ित किया जाएगा तो देश का हर नागरिक उनके साथ खड़ा मिलेगा। अगर सरकार इस बिल को वापस नही लेती या फिर उचित संशोधन नही करती तो पीस पार्टी पूरे प्रदेश मे विरोध प्रदर्शन और हस्ताक्षर अभियान चलाएगी।