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पंचायत चुनाव: मौजूदा ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्यों की जब्त होगी जमानत राशि..

यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर है, एक तरफ प्रशासनिक अमला मतपत्र, वोटर लिस्ट और आरक्षण सूची तैयार करने में जुटे हैं तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव लड़ने की तैयारी में संभावित उमीदवार भी गांव को पैनर-पोस्टर से पाट रहे हैं। हालांकि इस साल पंचायत चुनाव होने की संभावना कम है, अब यह इलेक्शन 2021 के मार्च से मई महीने में कभी हो सकते हैं।

बता दें कि 2015 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में करीब 15 हजार प्रत्याशियों ने विभिन्न पदों पर भाग्य आजमाए थे। इनमें से जीतने व हारने वाले दोनों की जमानत राशि जब्त हो गयी। जमानत राशि वापस लेने के लिये 90 दिन के भीतर आवेदन करना होता था। मगर प्रत्याशियों ने चुनाव बीतने के बाद वापसी के लिये आवेदन ही नहीं किये। इसकी वजह से जमानत राशि जब्त कर सरकारी खजाने में करीब तीन करोड़ जमा की गयी है। 2015 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 1121 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुआ था। इसमें ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य पद पर प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर अपना भाग्य आजमाया था। इसमें जीतने वाले सदस्य, प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्यों सहित चुनाव में पड़े मतों का 1/5 हिस्सा पाने वाले उम्मीदवारों ने चुनाव बीतने के 90 दिन के भीतर आवेदन ही नहीं किया। इसकी वजह से इन सभी की जमानत राशि जब्त हो गयी है। इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य पद पर भाग्य आजामाए प्रत्याशियों में से जिन प्रत्याशियों की जीत मिली या चुनाव हार गये बावजूद इसके इनकी जमानत राशि वापस हो सकता था। मगर इनमें से आधा दर्जन सदस्यों ने जमानत राशि वापस लेने के लिये आवेदन किये। इनको तो जमानत राशि वापस मिल गयी। मगर जिन प्रत्याशियों ने समय से आवेदन नहीं किये उन सभी की जमानत राशि जब्त हो गयी है। जमानत राशि जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने सरकारी कोष में जमा कर दिया है।

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श्यामनरायण प्रसाद, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 2015 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 1121 ग्राम पंचायतों में हुए चुनाव में ग्राम पंचायत सदस्य, प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों में से चुनाव जीतने व हारने वालों में से किसी ने जमानत वापसी के लिये आवेदन नहीं की। इस वजह से जमानत राशि जब्त कर ली गयी है। इसी प्रकार से जिला पंचायत सदस्य के सिर्फ आधा दर्जन को छोड़ कर सभी की जमानत राशि जब्त कर सरकारी खजाने में जमा कर दिया गया है।