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पंचायत चुनाव: गोंडा में बनेंगी इतनी नई ग्राम सभाएं, जानें कितने गांव में हो सकता है ग्राम प्रधान का चुनाव..

यूपी में पंचायत चुनाव के लिए नई पंचायत पर काम तेजी से चल रहा है। जहां 2015 में नई पंचायत का गठन नहीं हुआ था वहां के जिला पंचायत अधिकारी कार्यलय को इस समय नई पंचायत के प्रस्ताव मिल रहे हैं। अकेले गोंडा जिले में अब तक 474 नई पंचायत के गठन का प्रस्ताव मिला है।

जिला पंचायत राज अधिकारी सभाजीत पांडे बताते हैं कि गांवों से पंचायत के लिए आए प्रस्तावों पर आपत्ति 26 नवंबर से 2 दिसंबर तक ली जाएगी। इसके बाद प्रस्तावों का परीक्षण होगा। शासन द्वारा तय किए गए मानक पूरा करने वाले गावों को ही पंचायत का दर्जा देने की संस्तुति की जाएगी। सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने बताया कि पंचायतों के पुनर्गठन के लिए शासन से जारी आदेशों का अध्ययन किया गया है। उसी आधार पर प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा। अभी प्रस्तावों पर आम लोगों की आपत्ति ली जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक गोंडा में 23 हजार लोगों ने करीब 474 नई पंचायतों के गठन का प्रस्ताव दिया है। इन प्रस्तावों की जांच करके बुधवार को सूची जारी होगी।

वर्ष 2015 में नई पंचायतों के गठन की कार्रवाई देरी से प्रस्ताव भेजे जाने के कारण नहीं हो पाए थे। इस बार हर प्रस्तावों पर नियमों के आधार पर मंथन करके कार्रवाई की जा रही है। पंचायत चुनाव के पहले नई पंचायतों का गठन होना है। वर्ष 2015 में 149 नई पंचायतों के गठन पर सहमति बन गई थी और जिला स्तरीय कमेटी ने संस्तुति भी कर दी थी। प्रस्ताव लेने के लिए 14 दिन का समय तय किया गया था। जिसमें करीब 474 नई पंचायतों के गठन के प्रस्ताव विभाग को मिले हैं। प्रत्येक गांव से 50 या उससे अधिक लोगों ने प्रस्ताव दिया है। ऐसे में करीब 23 हजार लोगों की ओर से गांवों को पंचायत बनाए जाने का प्रस्ताव जमा किया गया है। माना जा रहा है कि लोग अपने मनमुताबिक पंचायतों के गठन के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं, कई राजस्व गांव तो ऐसे हैं वह मानक भी पूरे करते हैं। उनका तो पंचायत बनना लगभग तय है, ऐसे गांवों की संख्या करीब 180 बताई जा रही है। फिलहाल आपत्तियों के बाद नए पंचायत के गठन का स्वरूप तय हो सकेगा।

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वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर तय होंगी नई पंचायत

ग्राम पंचायत के क्षेत्र में परिवर्तन का प्रस्ताव सम्बन्धित ग्राम पंचायत अथवा उस ग्राम पंचायत के 50 या उससे अधिक निवासियों की ओर से मिले प्रस्तावों पर ही विचार होगा। ग्राम पंचायत क्षेत्र का गठन जनगणना वर्ष 2011 के प्रकाशित आकणों के आधार पर होगा। किसी ग्राम पंचायत के पंचायत क्षेत्र के निर्धारण के लिए किसी राजस्व ग्राम या मजरे को विभाजित नहीं किया जायेगा। किसी ग्राम पंचायत के प्रादेशिक क्षेत्र में केवल ऐसे राजस्व ग्राम, ग्रामों को सम्मिलित किया जायेगा जो भौगोलिक दृष्टि से एक-दूसरे से निकटस्थ हों। राजस्व ग्राम या ग्रामों को किसी पंचायत क्षेत्र में सम्मिलित करने में यह भी ध्यान रखा जायेगा कि इनके मध्य दूसरी ग्राम पंचायत का कोई प्रादेशिक क्षेत्र न पड़ता हो तथा ग्राम पंचायतो में सम्मिलित किये जाने वाले राजस्व ग्राम के बीच में कोई नदी नाला, पहाड़ या कोई प्राकृतिक अवरोध उसके बीच आवागमन में बाधक न हो।