यूपी के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की मौत के मामले में जेल गए चारों आरोपियों के माता-पिता न्याय के लिए पहली बार मीडिया के सामने आ गए हैं। उन्होंने योगी सरकार से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। कहा कि अगर उनके बेटे दोषी हैं तो उन्हें चौराहा पर खड़ा करके गोली मार दी जाए। उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
हाथरस गैंगरेप के आरोप में जेल गये रामू के पिता का कहना है कि उनका बेटा निर्दोष है। मुकदमा दर्ज होने के दो दिन बाद पुलिस उन्हें और बेटे को थाने ले गई। बीस सितम्बर को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया। उनके बेटे के खिलाफ कोई एनसीआर तक दर्ज नहीं है। जिस दिन की घटना बताई जा रही है। उस समय बेटा ड्यूटी पर था। बेटी की मौत का मुझे भी अफसोस है, लेकिन घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जेल गए आरोपी रवि के पिता का कहना है कि पुरानी रंजिश के चलते उनके बेटे को फंसाया गया है। इस पूरे प्रकरण से उनके बेटे का कोई लेना देना नहीं है। मृतका के बाबा से 2001 में विवाद हुआ था। उसमें रवि जेल गया था। पुलिस सबसे पहले उन्हें पकड़कर ले गई थी। बाद में उनके बेटे को पकड़कर जेल भेज दिया। जेल गए आरोपी लवकुश की मां का कहना है कि वह अपने बेटे लवकुश के साथ बाजरा काट रही थी। शोर सुना तो अपने बेटे के साथ मौके पर पहुंच गयी। उनका बेटा ही युवती के लिए पानी लेकर आया। उसे पानी पिलाया। उन्हें क्या पता था कि जिसे मेरा बेटा पानी पिला रहा है वहीं लोग उनके बेटे को जेल भिजवा देंगे। इस मामले में पुलिस मृतका की मां और भाई से पूछताछ करे। गैंगरेप कांड के मुख्य आरोपी संदीप के पिता का कहना है कि जिस वक्त शोर शराब हुआ था। उस समय उनका बेटा संदीप उनके साथ गाय को पानी पिला रहा था। शुरुआत में उनके बेटे के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन बाद में तीन अन्य लोगों के नाम जोड़ दिए गए। उनका बेटा दोषी है तो उसे सजा दिलायी जाए।
ट्विटर पर अब तक दस हजार लोगों को जवाब दे चुकी है पुलिस
बूलगढ़ी कांड के हाथरस पुलिस ट्विटर बेहद व्यस्त नजर आ रही है। दिन भर मीडिया सेल लोगों के ट्वीट का जवाब देने में व्यस्त है। प्रतिदिन की घटना का अलग अलग जवाब दिया जा रहा है। एसपी ने जनपद में अलग से मीडिया सेल स्थापित कर रखी है। जोकि हाथरस पुलिस की हर कामयाबी के बारे में अपडेट करती है। मगर 14 सितम्बर के बाद से पुलिस अपनी कामयाबी के बारे में मीडिया सेल पर कुछ ज्यादा अपडेट नहीं कर पा रही है,क्योंकि पुलिस के अधिकारियों को खुद मालूम नही हो पा रहा है उनके पास कितने ट्वीट आ चुके है। जो लोग ट्वीट करते समय हाथरस पुलिस को टैंग नहीं करते है। उन ट्वीटों के बारे में पुलिस को पता नहीं चल पाता है। वैसे बूलगढ़ी कांड में पुलिस अब तक करीब दस हजार से अधिक लोगों को जबाव दे चुकी है। ट्वीट का सिलसिला लगातार जारी है।