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Pitru Paksha not use these flowers on puja

Pitru Paksha में भूलकर भी न चढ़ाएं ये फूल, पृत हो जाते है नाराज

29 सितंबर 2023 से पितृपक्ष शुरू हो चुके हैं। मृत पूर्वजों के सम्मान में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। पितृपक्ष में श्राद्ध किया जाता है। भोजन बनाकर कौवा गाय, कुत्ता और चींटी के लिए एक अंश निकाला जाता है। पितृ पक्ष में तिथि अनुसार उनका मनपसंद भोजन बनाकर ये भोजन उन्हें अर्पित किया जाता है। जिससे वे प्रसन्न होते हैं। पितरों को प्रसन्न करने के लिए कुछ फूल भी हैं, जिन्हें अर्पित करके आशीर्वाद लिया जा सकता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त की जाने वाली पूजा, सामान्य पूजा से पूरी तरह अलग होती है। इसलिए इस दौरान प्रत्येक फूलों का इस्तेमाल वर्जित माना गया है। श्राद्ध कर्म की पूजा में सफेद फूलों का विशेष महत्व है। इसके अलावा चंपा, जूही, मालती और कमल के फूल का उपयोग करना शुभ माना गया है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्राद्ध पूजा में भूलकर भी कदंब, बेलपत्र, केवड़ा, अधिक सुगंधित, काले रंग के या लाल रंग के फूलों का उपयोग नहीं करना चाहिए। इनके उपयोग से पितृ नाराज हो सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष में गुलाब के फूल अर्पित करने से न सिर्फ देवी देवता बल्कि पूर्वज भी प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि पितृ पक्ष में गेंदे के फूल अर्पित किए जाते हैं तो इससे पितृ बेहद प्रसन्न होते हैं और सकारात्मकता के साथ-साथ धन, धान्य, सुख, समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

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