शासन के निर्देश पर पंचायत चुनाव से पूर्व खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। जातिगत आंकड़ों के अलावा कई बार गांवों में बड़े बवाल का कारण बनने वाले भूमि विवाद, अवैध संबंधों में घटनाओं समेत सभी प्रकार बवाल संबंधी इनपुट जुटाए जा रहे हैं। प्रदेश में अगले नए साल की शुरुआत में ही पंचायत चुनाव होने की संभावना है। शांतिपूर्ण ढंग से पंचायत चुनाव कराने को सभी विभागों में कमर कस ली है।
दरअसल चुनाव के दौरान आमतौर पर छोटे-मोटे विवाद अचानक विकराल हो जाते हैं। राजनीति के चलते लोग निजी कारणों से इन्हें तूल दे देते हैं। इसके लिए ग्राम स्तर पर पूर्व से मौजूद विवादों का डाटा एकत्र किए जाने की योजना है। इसके लिए खुफिया विभाग जुट गया है। प्रदेश के खुफिया विभाग के एडीजी एसबी शिरोड़कर की ओर से जारी सर्कुलर में पंचायत चुनाव के मद्देनजर 11 बिंदुओं पर जानकारी जुटाने का निर्देश दिए गए हैं। विभाग के लोग अब गांव-गांव जाकर जानकारियां एकत्रित करेंगे।
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गांव की जनसंख्या और उसमें रहने वाले लोगों की जातियों के आंकड़े के अलावा गांव में विवाद के प्रमुख कारणों का ब्यौरा संकलित करना होगा। इसमें मंदिर मस्जिद या किसी खास त्यौहार को लेकर कोई विवाद, जमीन संबंधी विवाद, राजनीतिक विवाद या अवैध प्रेम संबंधों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है। खुफिया विभाग के सूत्रों के अनुसार गांव में अचानक धनाढ्य लोगों की भी सूची बनाई जानी है। गांव या क्षेत्र से संबंधित विवाद की कोई पुरानी घटना हो तो उसकी भी जानकारी शासन को भेजी जानी है। यह भी पूर्व अनुसार लगाया जा जाना है कि क्या पंचायत चुनाव में किसी प्रकार के विवाद की आशंका तो नहीं है।