UP : सभी राजनीतिक दल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अलग-अलग मुद्दों को धार देकर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं। किसानों के मुद्दे पर चौधरी चरण सिंह के समय से लड़ती आ रही राष्ट्रीय लोकदल के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के नेतृत्व में अपने लखनऊ के हजरतगंज स्थित प्रदेश कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक 26 दिसंबर को पैदल मार्च करने वाली हैं। यह पैदल मार्च गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान न हो पाने और गन्ना मूल्य को सरकार द्वारा न बढ़ाने के विरोध में किया जाने वाला है।
उत्तर प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने 23 दिसंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए गन्ना किसानों के मूल्य को बढ़ाने की मांग की है। रामाशीष राय ने सरकार से गन्ना किसानों को ₹450 प्रति कुंटल करने की मांग की है। उन्होंने प्रदेश सरकार को उसका चुनाव में किया गया वादा याद दिलाते हुए कहा कि सरकार ने वादा किया था कि गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन में मिलो से नहीं दिया गया तो उन्हें ब्याज सहित भुगतान दिया जाएगा। लेकिन अभी तक इस बाबत कोई कानून नहीं बना है।
उन्होंने कहा कि किसानों का चीनी मिलों पर लगभग 800 करोड रुपए बकाया है। राष्ट्रीय लोक दल इस वक्त अपना महत्व बढ़ाने के लिए और लोकसभा चुनाव के पहले एक माहौल बनाने के लिए अलग-अलग मुद्दों को धार देने में लगी हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासा पकड़ रखने वाली रालोद पूर्वांचल तक अपने संगठन का विस्तार कर रही है और रालोद आने वाले समय में इंडिया गठबंधन में ठीक-ठाक सीट मांगने की कोशिश में है।
जानकारों की मानें तो तकरीबन 5 से 7 ऐसी सीट हैं, जहां पर रालोद अपना दबदबा बताएगी। हालांकि इसमें कितनी सीट रालोद को मिल पाती हैं यह देखना दिलचस्प होगा। रालोद कि प्रदेश अध्यक्ष अपने लिए पूर्वांचल की देवरिया सीट पर दावा ठोक रहे हैं। जबकि उनका दावा है कि राज्य में पार्टी 12 सीटों पर अपनी तैयारी कर रही है।