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Pratapgarh सीट पर कांग्रेस ने लगाई थी BJP की जीत पर ब्रेक, इस बार रोचक होगी जंग

Pratapgarh Vidhan Sabha Seat: राजस्थान के प्रतापगढ़ विधानसभा क्षेत्र में चुनावी हलचल बनी हुई है. यह क्षेत्र प्रतापगढ़ जिले में पड़ता है. जिले के तहत 2 सीटें आती हैं, जिसमें प्रतापगढ़ विधानसभा सीट भी शामिल है. जिले की दोनों ही सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. अनूसूचित जनजाति के लिए रिजर्व प्रतापगढ़ विधानसभा पर 5 साल पहले हुए चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को 1 लाख से ज्यादा वोट मिले थे. यह सीट राजस्थान के चुने जाने वाले उन 11 विधानसभा क्षेत्रों में से एक है जिनका चुनाव 2-2 जिलों के वोटर्स करते हैं.

प्रदेश में करीब 11 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिसमें 2-2 जिलों के वोटर्स अपने विधायक का फैसला करते हैं. 2008 में अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी सीटों के परिसीमन हुआ, लेकिन यहां के वोटर्स एक से अधिक जिलों में चले गए. प्रतापगढ़ जिले के तहत आने वाली प्रतापगढ़ और धरियावद सीट के वोटर्स चित्तौडगढ़ की निम्बाहेड़ा और बड़ी सादड़ी सीट के साथ-साथ बांसवाड़ा की घाटोल के लिए भी वोटिंग करते हैं.

कितने वोटर, कितनी आबादी
2018 के चुनाव में देखें तो अनूसूचित जनजाति के लिए रिजर्व प्रतापगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के रामलाल और बीजेपी के हेमंत के बीच कड़ा मुकाबला रहा. कांग्रेस के रामलाल ने 100,625 वोट हासिल किए जबकि बीजेपी के हेमंत को 83,945 वोट मिले. इस तरह से रामलाल ने 16,680 मतों के अंतर से जीत हासिल की.

तब के चुनाव में प्रतापगढ़ विधानसभा सीट पर कुल 2,30,057 वोटर्स थे जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,15,835 थी तो महिला वोटर्स की संख्या 1,14,215 थी. इनमें से कुल 1,92,014 (84.6%) वोटर्स ने वोड डाले. NOTA को पक्ष में 2,665 (1.2%) वोट पड़े.

कैसा रहा राजनीतिक इतिहास
प्रतापगढ़ विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यहां पर पिछले 3 चुनाव में 2 बार बीजेपी को जीत मिली. 2008 में बीजेपी के नंदलाल मीणा को जीत मिली थी, फिर वह 2013 के चुनाव में भी विजयी हुए. हालांकि बीजेपी अगले चुनाव में जीत का सिलसिला बनाए नहीं रख सकी और उसे हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में रामलाल मीणा को जीत मिली.

प्रतापगढ़ को राजस्थान के मानचित्र पर 33वां जिला 26 जनवरी 2008 को बनाया गया. इस जिले को बांसवाड़ा, उदयपुर और चित्तौड़गढ़ जिलों से कुछ क्षेत्रों को लेकर बनाया गया है. प्रतापगढ़ राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित है. यह क्षेत्र शुद्ध सोने और कांच से जड़े हाथ से बने अनोखे गहनों के लिए जाना जाता है जिसे “थेवा” कहा जाता है.

 

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