देश को हिंदी में भारत और इंग्लिश में इंडिया लिखते हैं, ये सदियों से चला आ रहा है। जब देश पर अंग्रेजों का राज था उस वक्त अंंग्रेजों ने भारत को इंडिया नाम दिया था। अब इंडिया शब्द चर्चा में बना हुआ है। क्या अब भारत को इंडिया नहीं कहा जाएगा? ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हाल ही में जी20 समिट के दौरान राष्ट्रपति भवन में रात्रि भोज का आयोजन किया जा रहा है। ये आयोजन आगमी 9 सितंबर को होने वाला है। इस रात्रि भोज के निमंत्रण पत्र को लेकर इस वक्त काफी बवाल हो रहा है। दरअसल बात ये है कि, निमंत्रण पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा है। इस मामले पर अब कई नेताओं की अपनी अपनी प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है। कई लोगों ने इसका विरोध किया तो कई इसके पक्ष में है।
इस मामले पर कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा कि, ‘तो ये खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए सामान्य ‘President Of India’ की बजाय ‘President Of Bharat’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है। संविधान के अनुच्छेद 1 में लिखा है कि, ‘भारत, जो इंडिया है, राज्यों का एक समूह होगा।’ लेकिन अब इस ‘राज्यों के समूह’ पर भी हमला हो रहा है।’
India शब्द क्यों चर्चा में?
केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने एक गठबंधन बनाया है, जिसका नाम ‘I.N.D.I.A’ है। इस गठबंधन के ऐलान के बाद से ही इंडिया शब्द चर्चा में बना हुआ है। वहीं कई बीजेपी नेताओं का कहना है कि भारत शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने मंगलवार को कहा कि, पूरा देश मांग कर रहा है कि, हमें इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए। अंग्रेजों ने इंडिया शब्द को एक गाली के तौर पर हमारे लिए इस्तेमाल किया, जबकि भारत शब्द हमारी संस्कृति का प्रतीक है। मैं चाहता हूं कि संविधान में बदलाव होना चाहिए और भारत शब्द को इसमें जोड़ना चाहिए।
केंद्र सरकार ने बुलाया विशेष सत्र
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आगामी 18 से 22 सितंबर तक केंद्र सरकार ने विशेष सत्र बुलाया है। इस दौरान कई बिल संसद में पेश कर सकती है। वहीं सूत्रों के हवाले से आई खबरों में ऐसा कहा जा रहा है कि भारत के संविधान से इंडिया शब्द को हटाना भी एजेंडे में शामिल हो सकता है।