राजस्थान की सत्ता में बीजेपी ने कांग्रेस को हराकर वापसी की है। राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 115 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है और अब बारी सरकार बनाने की है। दरअसल इस बार बीजेपी ने किसी को भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा बना कर चुनाव नहीं लड़ा था। इसलिए अब ये सवाल अहम है कि आखिर मुख्यमंत्री के सर का ताज किसके सर सजेगा।
सत्ता के सिंहासन यानि मुख्यमंत्री बनने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स का दांव भी खेला जा रहा है। बीते दिन सोमवार को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने जयपुर में अपने समर्थक 30 विधायकों को जुटाकर दिल्ली को सियासी संदेश दे दिया है कि राजस्थान में सियासत की असली हकदार वो ही हैं। खास बात ये है कि वसुंधरा राजे की प्रेशर पॉलिटिक्स तब शुरू हुई है जब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान के कुछ नेताओं को दिल्ली बुलाया है। बालकनाथ सांसद हैं और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत संसद सत्र के चलते दिल्ली पहुंचे।
वसुंधरा को CM देखना चाहते हैं समर्थन
सोमवार को वसुंधरा राजे से मुलाकात करने देर शाम बीजेपी के टिकट पर जीतकर आए 115 विधायकों में से करीब 30 बीजेपी विधायक सिविल लाइंस स्थित उनके आवास पर पहुंचे थे। हालांकि, वसुंधरा राजे समर्थकों का दावा है कि करीब 45 से 50 बीजेपी विधायक पहुंचे थे। पूर्व सीएम से मिलने वाले विधायकों में ज्यादातर ने वसुंधरा को एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठाई। बीजेपी विधायक बहादुर सिंह कोली ने कहा कि वसुंधरा राजे को सीएम बनना चाहिए तो जहाजपुर से विधायक बने गोपीचंद मीणा ने कहा कि लोग वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। CM पद के लिए वसुंधरा की ये प्रेशर पॉलिटिक्स कितनी काम आएगी ये देखने को मिलेगा।
बता दे कि राजस्थान की दो बार के मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे ने जिस तरह से अपने समर्थक बीजेपी विधायकों को सोमवार को जुटाया है और सीएम बनाने की विधायकों ने बात उठाई है, उसे वसुंधरा की सीएम पद के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स के तहत देखा जा रहा है।, वसुंधरा राजे अपने 42 समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब हो गई थीं, जिनमें से करीब 28 उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर ली। इसके अलावा बीजेपी से उनके जिन समर्थकों को टिकट नहीं मिला, उनमें से कुछ बागी बनकर चुनाव लड़े थे और जीत कर विधायक बने हैं।
CM पद के लिए कई नामों पर चर्चा कर रही बीजेपी
बीजेपी ने इस बार विधानसभा चुनाव अपने नाम और काम पर जीता है। बीजेपी अब चुनाव जीतकर आई है तो मुख्यमंत्री की रेस में वसुंधरा राजे से लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम शामिल है। सूत्रों की माने तो इन्हीं चारों में से किसी एक नेता के नाम पर मुहर लग सकती है. इसके अलावा भी कई नामों की चर्चा है, लेकिन दावेदारी उस तरह से मजबूत नहीं है।