सुलतानपुर जेल में दो विचाराधीन कैदियों की कथित आत्महत्या की मजिस्ट्रेट जांच से पता चला है कि उनकी मौत ‘‘संदिग्ध परिस्थतियों” में हुई। यह जानकारी एक अधिकारी ने सोमवार को दी। दो विचाराधीन कैदी मनोज रैदास उर्फ मंजू और उसके चचेरे भाई विजय पासी उर्फ करिया के शव 21 जून, 2023 को अमहट जिला जेल में एक पेड़ से फंदे से लटके हुए पाए गए थे।
जेल अधिकारियों ने दावा किया था कि दलित समुदाय से आने वाले दोनों कैदियों ने ‘‘अवसाद” के कारण आत्महत्या की, लेकिन इसके विपरीत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सपना त्रिपाठी ने 24 पन्ने की जांच रिपोर्ट में पाया कि उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई और यह साबित नहीं हुआ कि कैदियों की मौत अवसाद के कारण हुई थी। अंबेडकर उत्थान समिति के बैनर तले परिवार का प्रदर्शन जारी है। परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या की एफआईआर और 50-50 लाख रुपए मुआवजे की मांग की है।
मौत का प्रकरण लगातार तूल पकड़ता जा रहा है
बता दें कि सुल्तानपुर कारागार में दो बंदियों की संदिग्ध अवस्था में मौत का प्रकरण लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। अंबेडकर उत्थान समिति के बैनर तले आज परिवार डीएम ऑफिस पहुंचे और जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ ₹50 लाख मुआवजे की मांग की। इस बाबत एक शिकायती पत्र जिला प्रशासन के माध्यम से CM योगी को भेजा है।
दरअस्ल अमेठी के जामो थाना अंतर्गत लोरिकपुर गांव निवासी विजय पासी और मनोज रैदास की बीते 21 जून को जिला कारागार सुल्तानपुर में संदिग्ध अवस्था में पेड़ से लटकती हुई लाश मिली थी। जेल प्रशासन ने इसे सुसाइड बताया था। लेकिन 2 दिसंबर को सीजेएम सपना त्रिपाठी की न्यायिक रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद से ये मामला तूल पकड़ गया है। दो दिन पूर्व आजाद अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने जेल प्रशासन को दोषी ठहराते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग उठाया था। उन्होंने एफआईआर नहीं होने पर लखनऊ में प्रदर्शन की बात कही थी।
परिवार द्वारा दिया गया अल्टीमेटम
अब आज अंबेडकर उत्थान समिति के बैनर तले दोनों बंदियों के परिवार वाले दर्जनों की संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन करते हुए आरोपी जेल प्रशासन पर एफआईआर की मांग की। दोनों बंदियों के परिवार वालों ने 50-50 लाख मुआवजे की मांग किया है। परिवार द्वारा अल्टीमेटम दिया गया है कि यदि एक सप्ताह में जेल प्रशासन पर हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया तो कलेक्ट्रेट में अनिश्चित कालीन धरना शुरू किया जाएगा।