जब से नई संसद में महिला आरक्षण बिल पेश हुआ है तभी से कई विपक्षी पार्टी इसका जमकर विरोध कर रहे है। इसी बीच अब एक बार फिर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर एक बार फिर से भाजपा पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि, बीजेपी चाहती है कि, महिला आरक्षण दस साल में लागू हो हम चाहते है आज लागू हो। राहुल ने कहा कि, सांसदी जाने के बाद मैंने प्रेस वार्ता की और जिस दिन मैंने प्रेस कांफ्रेंस की मोदी जी ने सत्र बुला लिया। पहले हिंदुस्तान का नाम बदलने की बात है, जबकि इंडिया और भारत दोनों नाम संविधान में है। कोई झगड़ा नहीं लेकिन इन्होंने कोशिश की थी दोनों को लड़ाओ। लेकिन जनता तैयार नहीं हुई। तो इन्होंने सोचा अब क्या करे। तो महिला आरक्षण बिल के आये। OBC महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दिया। नई मतगणना और परिसीमन का बहाना बनाया। ये चाहते है महिला आरक्षण दस साल में लागू हो हम चाहते है आज लागू हो।
जयपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में कांग्रेस नेता ने कहा कि, मैंने संसद के भाषण के लिए थोड़ी रिसर्च की। दलित और आदिवासी और ओबीसी की क्या भागीदारी का पता लगाया। आज के हिंदुस्तान को नब्बे लोग चलाते है जो कि मंत्रालय के सचिव है। ये नब्बे लोग जो हिंदुस्तान की सरकार को चलाते है कि देश किस दिशा में जाएगा तय करते है।
उन्होंने कहा कि, लगती है तो एक्स रे करवाते है कि कौनसी हड्डी टूटी। कास्ट सेंसस एक्स रे ही है। पता चल जाएगा कि, किसकी कितनी आबादी है। प्रधानमंत्री हमेशा OBCकी बात करते है तो प्रधानमंत्री कास्ट सेंसस से क्यों डरते है। कांग्रेस ने कास्ट सेंसस करवाया था उसके आँकड़े रख दीजिये। OBCका अपमान मत कीजिए।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, पीएम मोदी चौबीस घंटे OBC की बात करते है लेकिन नब्बे में सिर्फ़ तीन लोग OBC के है। उनकी सरकार में कोई नहीं सुनता। फिर मैंने पूछा कि हिंदुस्तान और OBC के सबसे बड़ा सवाल है। दलित कितने आदिवासी कितने किस समाज के कितने लोग है। इसका जवाब सिर्फ़ कास्ट सेंसेस से मिल सकता है। जैसे ही मैंने मुद्दा उठाया तो बीजेपी के लोग हिल गये कि जनता को पता ना चल जाये।