उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार की रात जौनपुर जिले के एसपी अशोक कुमार का तबादला कर दिया। उन्हें ईओडब्ल्यू लखनऊ का एसपी बनाया गया है। उनकी जगह राजकरन नैय्यर को जौनपुर की कमान दी गई है।
वर्ष 2012 बैच के आईपीएस राजकरन फिलहाल गोंडा एसपी के पद पर तैनात थे। एटीएस में सेवा दे चुके राजकरन की गिनती तेज तर्रार अफसरों में की जाती है। वह मूल रूप से हरियाणा के फरीदाबाद के रहने वाले हैं और इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं। जिले में तेजी से बढ़ते अपराध पर नियंत्रण की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अशोक कुमार के तबादले का कारण भी बढ़ते अपराध पर पुलिस की विफलता रही है। दिसंबर 2019 में तैनाती के बाद से लगातार आपराधिक वारदातें जिले में बढ़ी हैं। उनके कुल 10 माह के कार्यकाल में 30 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं। ज्यादातर हत्याओं के पीछे संपत्ति का विवाद रहा। इन विवादों के निस्तारण में पुलिस का रवैया निराशाजनक रहा है। अशोक कुमार के कार्यकाल में लूट की भी कई बड़ी वारदातें हुईं तो पुलिस पर हमले के मामले भी बढ़ें। जनता से जुड़ने की बजाय दूरी बनाए रखी। यानी कि थाना स्तर पर भी पुलिस और जनता की दूरी बढ़ती गई। जनप्रतिनिधि भी उनके रवैये को लेकर नाराज थे। जफराबाद विधायक डॉ हरेंद्र प्रसाद सिंह तो कई बार शासन में शिकायत कर चुके थे। मड़ियाहूं के इटाए की घटना के बाद भी वह नाराजगी जताने एसपी आफिस तक पहुंच गए थे। रविवार को जिले में आए प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल से भी इसकी शिकायत हुई थी। वैसे उनके तबादले का एक अन्य कारण फरवरी 2021 में सेवानिवृत्ति को भी बताया जा रहा है। एसपी के करीबियों का कहना है कि सेवानिवृत में छह माह से भी कम समय होने के कारण उन्हें लखनऊ में पोस्टिंग दी गई है।
अशोक कुमार पिछले दो वर्ष में पहले कप्तान रहे, जिन्होंने दस माह का कार्यकाल पूरा किया। इनके पहले रवि शंकर छवि, दिनेश पाल सहित चार कप्तानों का 14 महीने में ही ट्रांसफर हो गया था।