विवादित ढांचे से हुई राम मंदिर की मुक्ति
1528-29 में बाबर राज में मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनवाई
1853 में पहली बार अयोध्या में हुई थी हिंसा
अयोध्या में बाबरी को लेकर हिंदू-मुस्लिम हिंसा की पहली घटना 1853 में हुई
निर्मोही अखाड़ा का ढांचे पर दावा – मस्जिद स्थल पर मंदिर था
1859 आजादी के पहले आंदोलन के बाद ब्रिटिश शासकों ने परिसर को बांट दिया
1859 में ब्रिटिश शासकों ने मस्जिद के सामने एक दीवार बना दी
1885 में पहली बार जिला अदालत में पहुंचा बाबरी विवादित मामला
1934 में दंगों में क्षतिग्रस्त हुई थी मस्जिद की दीवार और गुंबद
जिसके बाद ब्रिटिश सरकार ने इसका पुनर्निर्माण कराया
1949 में यहां पर भगवान राम की मूर्ति स्थापित की गई
इसके बाद सरकार ने इसे विवादित घोषित कर ताला लगवा दिया
1950 में अदालत से भगवान राम की पूजा की इजाजत मांगी गई
गोपाल सिंह विशारद ने अपील दायर कर पूजा की इजाजत मांगी
1959-61 में दोनों पक्षों ने विवादित स्थल के हक के लिए मुकदमा किया
1959 में निर्मोही अखाड़ा ने विवादित स्थल के हस्तांतरण के लिए मुकदमा किया
1984 में रामजन्मभूमि मुक्ति समिति का गठन किया गया
1986 में ताला खोलने का आदेश हुआ, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी बनी
जून 1989 में विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर का शिलान्यास किया
नवंबर में मस्जिद से थोड़ी दूर पर राम मंदिर का शिलान्यास किया गया
25 सितंबर 1990 में आडवाणी की रथ यात्रा बिहार में रोकी गई, गिरफ्तार हुए
बिहार में लालू यादव ने आडवाणी की रथ यात्रा रुकवा कर गिरफ्तार करवाया
मंदिर निर्माण के लिए देशभर से लाखों ईंटे अयोध्या भेजी गईं
30 अक्टूबर 1990 में अयोध्या में पहली बार कारसेवा हुई और गोलीकांड भी हुआ
कारसेवकों ने मस्जिद पर चढ़कर झंडा फहराया था, बाद में पुलिस ने गोलीबारी की
जून 1991 में उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए, सरकार बीजेपी की बन गई
6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद ढहा दी गई, देश में दंगे शुरू
30-31 अक्टूबर 1992 को धर्मसंसद में कारसेवा की घोषणा की गई
सीएम कल्याण सिंह ने अदालत में मस्जिद की हिफाजत करने का हलफनामा दिया
कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद को ढहा दिया, अस्थाई राम मंदिर बना दिया