कोविड 19 के बाद एक बार फिर से चीन में एक नया वायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है। खबरों के अनुसार ऐसा कहा जा रहा है कि उत्तरी चीन में बच्चों में निमोनिया जैसी बीमारी फैल रही है। जिसकी वजह से बच्चों को सांस लेने में काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चीन में फैले इस वायरस के बाद अब भारत में भी लोगों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को दावा किया कि, चीन भर में सांस की बीमारियों में अचानक वृद्धि के पीछे कोई नया वायरस नहीं है। यह बयान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा देश में ‘बच्चों में निमोनिया के क्लस्टर’ की रिपोर्ट पर चिंता जताए जाने के बाद आया है। हालांकि भारत को इस खतरे को कितनी गंभीरता से लेनी चाहिए और नहीं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चार साल पहले चीन से आए कोरोना वायरस यानी कोविड 19 ने कई देशों में हाहाकार मचा रखा था।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह कोई नया वायरस नहीं है। चीन में एच9एन2 वायरस की वजह से इन्फ्लूएंजा फैला है। फिलहाल वहां नियंत्रम में बताया जा रहा है लेकिन इसके मरीजों की संख्या तेजी से फैलती है। H9N2 वायरस पहली बार 1966 में अमेरिका में सामने आया था, तब ये वायरस जंगली टर्की पक्षी के झुंड में पाया गया था।
इन्फ्लूएंजा आमतौर पर सर्दी के मौसम में फैलता है। चीन में भी इस समय सर्दी पड़ रही है। बच्चे चूंकि एक दूसरे के संपर्क में ज्यादा आते हैं इसलिए उनमें इस बीमारी के फैलने का खतरा काफी रहता है। एच9एन2 को इंसानों के लिए कम खतरनाक माना जाता है. इसके लक्षण काफी हल्के होते हैं। इंसानों के संक्रमित होने का सबसे पहला मामला 1998 में हॉन्गकॉन्ग में सामने आया था। इस वायरस के भारत आने की संभावना हो सकती है। इसलिए भारत को अलर्ट रहने की जरुरत है क्योंकि इस तरह के इन्फ्लूएंजा का पता बहुत देरी से लगता है। हालांकि इसको लेकर सर्तक रहने की जरूरत है।