समलैंगिक विवाह पर आज कुछ ही देर में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है। कोर्ट में इस वक्त सुनवाई हो रही है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 5 जजों की बेंच ने इस मामले में 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसला सुनाते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, इस मामले में चार अलग-अलग फैसले हैं। कुछ सहमति के और कुछ पर असहमति है। सीजेआई ने कहा कि, कोर्ट कानून नहीं बना सकता, लेकिन कानून की व्याख्या कर सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस मुद्दे पर 18 समलैंगिक जोड़ों की तरफ से याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं की मांग थी कि इस विवाह को कानूनी मान्यता दी जाए।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह साबित करती हो कि केवल एक विवाहित विषमलैंगिक जोड़ा ही बच्चे को स्थिरता प्रदान कर सकता है। उन्होंने कहा, विवाह का रूप बदल गया है। यह चर्चा बताती है कि विवाह का रूप स्थिर नहीं है। सती प्रथा से लेकर बाल विवाह और अंतरजातीय विवाह तक विवाह का रूप बदला है। चाहे इसको लेकर कितना ही विरोध क्यों न हुआ हो, फिर भी विवाह का रूप समय के साथ बदला है।