अमेठी में प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों पर उनकी लापरवाही पर प्रशासन का लगातार हंटर चल रहा है। इसकी वजह से जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो रही है। सिर्फ इतना ही नहीं जिले में बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं ने प्रशासन की हवा निकाल रखी है।
सोमवार 25 सितंबर को अमेठी के प्रतिष्ठित कस्बे जगदीशपुर के सरकारी अस्पताल ऐसा नजारा देखने को मिला। जिसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे। अस्पताल में मरीजों का तांता लग गया। भारी संख्या में पहुंचे मरीज को देखकर अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से बदहवास नजर आ रहा था। अस्पताल परिसर में ही नवनिर्मित ट्रामा सेंटर की हालत देखने लायक थी। जिसमे अभी जल्द में ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन जैसे सुविधाओं की सौगात देते हुए इसका उद्घाटन किया था।
ट्रामा सेंटर की हालत ये थी कि, वो केवल दो डॉक्टरों के भरोसे ही चल रहा था। अस्पताल परिसर में मरीजों की इतनी ज्यादा भीड़ थी कि, मरीजों को ना सही इलाज मिल रहा था ना कोई व्यस्वस्था थी।
अगर जनरल ओपीडी के बात करें तो, वहां पर कुल तीन डॉक्टर ही मौजूद थे। तीन डॉक्टर ही मरीजों को देख रहे थे। ऐसे में ना तो डॉक्टर मरीज को ठीक से देख पा रहे थे और ना ही इलाज कर पा रहे थे। हालांकि आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जगदीशपुर के सरकारी अस्पताल में लापरवाही की खबरें आम हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में अमेठी में संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर अस्पताल को बंद कर दिया गया है। जिसकी वजह से अमेठी की जनता इलाज के लिए दर दर भटक रही है। संजय गांधी अस्प्ताल के बंद होने से जिले के बाकी प्राइवेट और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिससे अस्पतालों की व्यवस्था में चरमरा गई है।