Amethi News: उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े एनएच-56 घोटाले में भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई की गई है. प्रदेश के अमेठी जिले में नेशनल हाईवे-56 में 382 करोड़ के घोटाले में तत्कालीन दो एसडीएम पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इनमें एक एसडीएम रिटायर्ड हो चुके हैं, वहीं एक शासन में तैनात हैं. इन पर हाईवे के दो बाईपास बनाने के लिए अधिग्रहण की गई जमीन के सर्किल रेट में हेराफेरी करने के आरोप लगे हैं. इस कार्रवाई से महकमे में हडकंप मचा हुआ है. वहीं पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
बता दें कि लखनऊ से वाराणसी जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-56 के चौड़ीकरण के लिए केंद्र सरकार ने साल 2014 में स्वीकृति प्रदान की थी. स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरू किया गया था. अमेठी जिले के मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र से गुजरने वाले इस हाईवे पर चौड़ीकरण के साथ ही जगदीशपुर और सुल्तानपुर पर बाईपास बनाने के लिए सर्वे किया गया था.
हाईवे से दूर जमीनों का भी दिला दिया था मुआवजा
सर्वे एनएचएआई के अनुरोध पर राजस्व विभाग द्वारा किया गया था. सर्वे के बाद तत्कालीन एसडीएम के द्वारा गलत तरीके से हाईवे से दूर स्थित जमीनों को हाीवे के सर्किल रेट से किसानों को मुआवजा दिला दिया गया. इसकी जानकारी एनएचएआई के अधिकारीयों को हुई तो उन्होंने जिलाधिकारी कोर्ट में शिकायत की. अमेठी डीएम राकेश कुमार मिश्रा ने एडीएम की अगुवाई में टीम गठित कर जांच कराई. जांच में घोटाले का मामला सामने आया. डीएम ने शासन को पत्र के जरिए पूरे मामले की जानकारी दी.
एक अधिकारी रिटायर तो एक अभी ADM के पद पर तैनात
शासन के निर्देश पर मुसाफिरखाना रजिस्टार कानूनगो की तहरीर पर मुसाफिरखाना कोतवाली में तत्कालीन एसडीएम आरडी राम वर्मा और अशोक कनौजिया पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इनमें आरडी वर्मा रिटायर्ड हो चुके हैं, वहीं अशोक कनौजिया एडीएम के पद पर कार्यरत हैं. मुसाफिरखाना कोतवाली के थाना प्रभारी विनोद सिंह ने बताया कि राजस्व निरीक्षक की तहरीर पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.