उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के वाल्टरगंज थाना के कृपालपुर गांव के पास कुआनो नदी में बोरे में मिली महिला की लाश पुलिस ने खुलासा कर दिया. पुलिस के मुताबिक पति ने ही अनपढ़ पत्नी से छुटकारा पाने के लिए वारदात को अंजाम दिया फिर अपने चचेरे भाई और चाची की मदद से शव को बोरे में भरकर नदी में फेंक दिया. पुलिस के मुताबिक 25 वर्षीय शोभावती का कसूर सिर्फ इतना था कि वह अनपढ़ थी. मोबाइल तक नहीं चला पाती थी.
एक ग्रेजुएट शख्स की अनपढ़ महिला से शादी हो गई तो वह उससे नाखुश रहने लगा. उसकी पत्नी मोबाइल तक नहीं चला पाती थी. तब पत्नी से पीछा छुड़ाने के लिए उसने क्राइम सीरियल क्राइम पेट्रोल से आइडिया लिया और अपने पैरों से ही पत्नी का गला दबाकर हत्या कर दी.
बस्ती के वाल्टरगंज थाना के कृपालपुर गांव के पास कुआनो नदी में बोरे में महिला का शव मिलने का पुलिस ने खुलासा किया है. बेरहमी से मौत के घाट उतारी गई 25 साल की शोभावती का कसूर इतना था कि वह अनपढ़ थी और मोबाइल तक नहीं चला पाती थी.
हत्या के आरोपी पति ने एग्रीकल्चर में बीएससी तक पढ़ाई की थी. शादी के बाद से ही पत्नी से नाखुश रहने वाले पति श्रीशंकर ने कई बार उसे छोड़ने की कोशिश की लेकिन शोभावती पति के साथ ससुराल में रहना चाहती थी. उससे पीछा छुड़ाने के लिए पति श्रीशंकर ने उसकी हत्या की साजिश रच डाली.
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 6 सितंबर को सुबह ही पति ने पैर से पत्नी के गले व अन्य जगहों पर वार कर हत्या कर दी थी.हत्या की जानकारी उसके चचेरे भाई उमाशंकर यादव व चचेरी सास प्रेमशीला को थी. इन दोनों की मदद से उसी रात शव को बोरे में भरकर बाइक पर लादकर श्रीशंकर गटरापुल पर पहुंचा और कुआनो नदी में बोरे को फेंक दिया था.
मंगलवार को वाल्टरगंज थाना क्षेत्र में कृपालपुर के पास नदी में बोरे से शोभावती का शव बरामद कर हुआ. मायके पक्ष ने शव की शिनाख्त की. इसके बाद से शोभावती के भाई राकेश कुमार यादव की शिकायत पर श्रीशंकर के साथ ही शव छिपाने में मदद करने वाले चचेरे भाई उमाशंकर यादव और चचेरी सास प्रेमशीला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
बुधवार को कप्तानगंज पुलिस ने सुवरबरवा पुल के पास से तीनों आरोपियों को दबोच लिया और हत्याकांड की असलियत सामने आ गई.
पत्नी शोभावती से छुटकारा पाने के लिए श्रीशंकर ने उसकी हत्या की पूरी प्लानिंग की थी. पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि अक्सर मोबाइल फोन पर क्राइम पेट्रोल देखता रहता था. उसने गला दबाकर हत्या करने की बजाय पैर से ही उसके गले
समेत अन्य नाजुक स्थानों पर वार किया. इसके बाद शव को बोरे में भरने के साथ पर्याप्त मात्रा में रुई भी भरी थी जिससे रुई भीगकर भारी हो जाए और शव नदी में ही लंबे समय तक डूबा रहे.