एमएलसी चुनाव के पूर्व यूपी के गाजीपुर जिले में सियासी गर्माहट अपने चरम पर पहुंच गई है। पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने बुधवार को समाजवादी पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। 33 साल सपा में रहने के बाद पार्टी छोड़ना चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राधेमोहन सिंह ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को त्यागपत्र भेजने की बात कही और आरोप लगाए।
त्यागपत्र में इस बात की चर्चा की है कि जिस गाजीपुर ने सपा को सात विधायक दिए हैं, वहां एमएलसी चुनाव को लेकर जिला नेतृत्व क्या कर रहा है इसकी जानकारी 12 अप्रैल को हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी को गाजीपुर नेतृत्व ने जिला पंचायत का टिकट नहीं दिया था।
‘मुझे हराने के लिए ओम प्रकाश राजभर को लगाया गया‘
अगर आपने (अखिलेश यादव) इस मामले में कार्रवाई की होती तो शायद मैं भी बिना पद के पार्टी में रहता, लेकिन आपको जिस पर कार्रवाई करनी चाहिए थी, उन लोगों को सम्मानित करने का काम किया। राधेमोहन सिंह ने कहा कि शुरू से लेकर 2022 तक पार्टी को मां का दर्जा दिया और अब तक मेरा पूरा राजनैतिक जीवन समाजवादी पार्टी में व्यतीत हुआ और निष्कलंकित रहा है।
साल 2014, 2017 और 2019 तक चुनावों में हमने पार्टी के लिए पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से काम किया। जिला पंचायत चुनाव में टिकट मांगने के बाद चुनाव के दौरान मुझे हराने के लिए ओम प्रकाश राजभर को लगाया गया। तेज बहादुर सिंह अस्पताल में थे। हम लोग उनकी सेवा में लगे थे बावजूद इसके 31 वोटों से हारा नहीं हराया गया हूं।
राधेमोहन सिंह ने साफ किया कि वे अभी किसी अन्य दल में शामिल नहीं हो रहे हैं। कहा कि जनता की सेवा को अपना धर्म समझकर समाजसेवा करते रहेंगे और तेजबहादुर सिंह के समाज सेवा, आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।