कभी कांग्रेस का गढ़ रही अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर चौतरफा हमला शुरु हो गया है। कोंग्रेसी सत्याग्रह आंदोलन पर हैं तो वहीं व्यापारी और संजय गांधी अस्पताल कर्मी भी सडक पर उतर आए हैं। अमेठी जनपद के मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल के सामने धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भीड़ जुटी है। अस्पताल पर तालाबंदी से लोगों में जबरदस्त गुस्सा है और निशाने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी है।
पूरे मामले की शुरुआत 19 सितंबर को हुई जहां एक पथरी के इलाज के लिए आई महिला की एनेस्थीसिया के ओबरडोज के कारण कोमा में जाने के बाद मौत हो गई थी। इसकी वजह से भाजपा के स्थानीय नेताओं व परिजनों द्वारा धरना प्रदर्शन करते हुए अस्पताल के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की गई।
इसके बाद अमेठी जिला प्रशासन ने तीनों दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जांच कमेटी गठित कर अस्पताल प्रशासन से जवाब मांगा। लेकिन उसी के दूसरे दिन इस अस्पताल का लाइसेंस व अस्पताल के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई। अस्पताल बंद होने के बाद वहां पर कांग्रेस का धरना प्रदर्शन हो रहा है और लोगों की मांग है कि अस्पताल को जल्द खोला जाए।
धरने में बैठे कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताते हुए अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी पर विकास के बजाय विनाश की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए अमेठी जिले में कांग्रेस द्वारा स्थापित किए गए जनहित संस्थाओं का बंद करने का आरोप लगाया। अब देखने वाली बात यहां होगी की इन धरना प्रदर्शन और विरोध का कितना असर होता है।