यूपी के शाहजहांपुर में बुजुर्ग महिला कुसुमा देवी की हत्या करने वाला कोई और नहीं, बल्कि उसका बेटा धर्मवीर निकला। धर्मवीर ने अपनी पत्नी को भगवाने में मदद करने वालों से बदला लेने के लिए रिश्ते को दागदार कर दिया। नोएडा से आकर मां को खुरपी से वार कर घायल किया और वापस चला गया था।
शक होने पर पुलिस ने सर्विलांस की मदद ली। तब घटना का खुलासा हुआ। घटना के दिन धर्मवीर की लोकेशन गांव में ही पाई गई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने सारी घटना कबूल की। हत्यारोपी धर्मवीर ने पूछताछ में बताया कि पत्नी को गांव का रहने वाला रहीश भगाकर ले गया था। रहीश के भाई शरीफ व उसके भतीजे पप्पू ने उसकी मदद की थी। पत्नी की वापसी को काफी मिन्नतें की थी, लेकिन दोनों ने नहीं सुनी। पत्नी को वापस नहीं किया।
बेइज्जती का बदला लेने को योजना बनाई
धर्मवीर ने बताया कि वह नोएडा में काम करता है। मां घर पर अकेली रहती थी। घर आकर मां को घायल किया। सामान बिखराकर रात में ही वापस चला आऊंगा और किसी को कुछ पता नहीं लगेगा। जब पता लगेगा तब पत्नी को भगाने वाले रहीश व उसके भाई शरीफ व उसके बेटे पप्पू के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखा दूंगा। इससे वो लोग समझौता कर पत्नी को वापस कर देंगे। धर्मवीर ने बताया कि योजना के अनुसार 31 मार्च की सुबह नोएडा से चलकर रात 11 बजे अपने घर आया। खुरपी से मां के चेहरे पर कई वार कर घायल कर दिया। जब मां बेहोश हो गईं तब वह चला गया था।
धर्मवीर ने दो लोगों पर कराई थी रिपोर्ट दर्ज
मृतका के पुत्र धर्मवीर से बातचीत की गई तो उसने बताया था कि होली में घर पर आया था। 19 मार्च को नोएडा चला गया था। तब से वहीं पर था। गांव के मुसीर से अपनी मां से बात कराने के लिए कहा था। उस दिन मुसीर काम में व्यस्त होने के कारण बात नहीं करा सका। दो अप्रैल को जब मुसीर घर पर बात कराने के लिए गया। तब मां घायल अवस्था में पड़ी थी। धर्मवीर ने शरीफ व पप्पू के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया था।
13 अप्रैल को कुसुमा देवी की हुई थी मौत
कलान तहसील के परौर थाना क्षेत्र के मईखुर्द कलां गांव की कुसुमा देवी (70) दो अप्रैल को चारपाई पर घायल अवस्था में पड़ी मिली थीं। पीएचसी कलान में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया था। पांच मई को उन्हें किंग जार्ज मेडिकल कालेज लखनऊ रेफर कर दिया गया था। 13 अप्रैल को उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
धर्मवीर की लोकेशन और बयान पाए गए अलग-अलग
विवेचना में धर्मवीर की छवि अपराधिक होना प्रकाश में आया। तब सर्विलांस टीम की मदद ली गई। धर्मवीर के मोबाइल का सीडीआर निकलवाया गया। उसकी लोकेशन 31 मार्च को समय आठ बजे से एक अप्रैल तक गांव के पास मिली। धर्मवीर की लोकेशन व बयान भिन्न होने पर उसे बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आया। शक होने पर पुलिस ने धर्मवीर को अमृतापुर चौराहे के पास से पकड़ा। उसकी निशादेही पर घटना में प्रयुक्त खुरपी बरामद की। फिर उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।