मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान उपयोग की जा रही ‘भाषा’ पर समाजवादी पार्टी ने आपत्ति जताई है। चुनाव आयोग को पत्र लिखकर समाजवादी पार्टी ने एक पैनल के द्वारा मुख्यमंत्री के द्वारा इस्तेमाल की जा रही भाषा की जांच करने और उस पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। सपा ने आरोप लगाया है कि ‘लाल टोपी का मतलब दंगाई’ बताकर योगी आदित्यनाथ अपने भाषणों में उनके नेता अखिलेश यादव पर व्यक्तिगत निशाना साध रहे हैं। लाल टोपी को गुंडों और माफियाओं से जोड़कर पार्टी की छवि खराब करने का आरोप भी लगाया गया है। पार्टी ने मांग की है कि मुख्यमंत्री के इस तरह के बयानों के कारण उनके चुनाव लड़ने और प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। हालांकि, भाजपा ने मुख्यमंत्री की भाषा को अपराधियों के लिए उपयोग की गई भाषा बताते हुए इसका बचाव किया है।
चुनाव आयोग को लिखे पत्र में समाजवादी पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक फरवरी को मेरठ के सिवालखास और किठौर में एक जनसभा के दौरान ‘लाल टोपी मतलब दंगाई और हिस्ट्रीशीटर’ जैसे शब्दों का उपयोग किया है। उन्होंने यहां तक कहा है कि ‘कैराना, मुजफ्फरनगर में जो गर्मी दिखाई पड़ रही है, वह सब शांत हो जाएगी।’ इसके अलावा आगरा की एक जनसभा के दौरान ’10 मार्च के बाद बुलडोजर चलेगा’ कहा है। सपा ने इसे धमकी देने वाली भाषा बताया है और कहा है कि एक राज्य के मुख्यमंत्री से इस तरह की भाषा की अपेक्षा नहीं की जा सकती। पार्टी ने इन बयानों पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की है।