बसपा सुप्रिमों मायावती ने अपने भतीजे आकाश आन्नद को अपना उत्तराधिकारी बनाया है। आकाश आन्नद के उत्तराधिकारी बनते ही राजनिती शुरु हो गई है राजनिती के जानकारों को यह लगता है की अब बसपा उसी लगर में आ जाएगी जो लगर मायावती के 2007 में मुख्यमंत्री बनने के वक्त में थी तो वहीं भाजपा का कहना है की आकाश आन्नद को उत्तराधिकारी बनाना परिवारवादा को बड़ावा देना है इससे बसपा का राजनितीक भविष्य खत्म हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश में राजनीति आकाश आन्नद के उतराधिकारी बनने के बाद गर्मा गई है एसे में यह जानना अहम हो जाता है की आखिर आकाश आन्नद कौन है आखिर आकाश आन्नद को ही मायावती ने अपना उत्तराधिकारी क्यों बनाया। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने पार्टी की एक बड़ी बैठक में ऐलान कर दिया है कि उनके उत्तराधिकारी उनके भतीजे आकाश आनंद होंगे। आकाश, मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं।
आनंद कुमार भी पार्टी में सक्रिय रहे हैं। उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें इस पद से हटा दिया गया। आकाश की स्कूलिंग गुरुग्राम से हुई है। बाद में उन्होंने लंदन से मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन किया। आन्द नें नौकरी करने के बजाए अपनी बुआ की विरासत को आगे बढ़ाना चुना। आकाश राजनीति में सक्रिय हैं। उनकी राजनीति में एंट्री साल 2017 में हुई,जब वो सहारनपुर रैली में पहली बार मायावती के साथ मंच पर दिखे थे। पिछले 6 सालों में आकाश की सक्रियता पार्टी में बढ़ती रही है।
आकाश आनंद पहली बार चर्चा में तब आए, जब 2019 के लोकसभा चुनावों में अखिलेश यादव ने मायावती के साथ गठबंधन किया था। उस साल 15 जनवरी को अखिलेश ख़ुद मायावती को जन्मदिन की बधाई देने के लिए उनके घर पहुंचे थे। फूल देते हुए फ़ोटो भी आई थी। इसी फ़ोटो में मायावती के ठीक पीछे आकाश दिखे थे। चुनावी माहौल में आकाश की एक झलक मिलते ही मीडिया में आकाश के मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी होने की अटकलें लगने लगीं।
2019 चुनाव में उन्होंने पार्टी का चुनाव प्रचार कैम्पेन मैनेज किया। समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद 2019 में ही मायावती ने उन्हें बसपा का को-ऑर्डिनेटर बनाया था। फिर 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के सोशल मीडिया का मोर्चा संभाला। 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बसपा के स्टार प्रचारकों की सूची में आनंद का नाम दूसरे नंबर पर था। उन्हें अलग-अलग राज्यों में पार्टी कैडर तैयार करने का काम भी सौंपा गया था। फिलहाल वो पार्टी में नेशनल को-ऑर्डिनेटर के पद पर हैं। अब तो उत्तराधिकारी ही हैं, जो भविष्य में पार्टी की कमान संभालेंगे। अब देखना यह होगा की आकाश आन्नद के उत्तराधिकारी बनने के बाद बसपा को यूपी में खोई हुई अपनी जमीन वापस मिलती है या नहीं